आजमगढ़ न्यूज : निरहुआ ने अखिलेश पर निशाना साधा, कहा- फिर बनेगी मोदी सरकार, गीत के साथ 'यादवों' पर कही बड़ी बात

UPT | Dinesh Lal Yadav

Mar 18, 2024 07:54

दिनेश लाल यादव ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को कोई यादव नहीं मिल रहा था, उनको लगता है कि पूर्वांचल में किसी यादव को लड़ाना था तो विजय लाल यादव को ही....

Short Highlights
  • विजय लाल यादव बड़े भाई हैं : निरहुआ
  • आजमगढ़ और पूर्वांचल में बहुत यादव हैं : निरहुआ
Azamgarh News : देश में अप्रैल-मई महीने में लोकसभा चुनाव होने है। इसे लेकर सभी राजनीतिक दल के नेता और कार्यकर्ता चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच भोजपुरी सुपर स्टार और आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने कहा कि देखो तीसरी बार बनेगी, इस बार भारतीय जनता पार्टी 400 पार करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की गारंटी है कि तीसरी बाद मोदी की सरकार बनेगी, युवाओं की गारंटी है एक बार फिर मोदी की सरकार बनेगी। पिछली बार की तरह इस बार भी सांसद निरहुआ ने गीत तैयार किया है। 

विजय लाल यादव बड़े भाई हैं : निरहुआ
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने कहा कि विजय लाल यादव बहुत बड़ा नाम है, वह हमारे लिए गुरु के बराबर हैं। उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को कोई यादव नहीं मिल रहा था, उनको लगता है कि पूर्वांचल में किसी यादव को लड़ाना था तो विजय लाल यादव को ही लड़ाते। विजय लाल यादव हमारे बड़े भाई हैं, वह हमारे गुरु हैं। 

आजमगढ़ और पूर्वांचल में बहुत यादव हैं : निरहुआ
निरहुआ ने कहा है कि यह धर्मयुद्ध है। अगर युद्ध में द्रोणाचार्य भी सामने आ जाए तो भी लड़ना ही है। क्यों न कृपाचार्य या भीष्म पितामह भी सामने प्रकट हो जाए तभी लड़ना है। उन्होंने कहा कि यह हमने अपने गुरु विजय लाल यादव से ही सीखा है कि धर्मयुद्ध में हमें पीछे नहीं हटना है। धर्मेंद्र यादव को सपा उम्मीदवार बनाने के सवाल और उनसे मिलने वाली चुनौती पर भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने कहा कि हमें लग रहा था कि वह इतना गहन मंथन कर रहे हैं तो कुछ बेहतर ही निर्णय करेंगे। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आजमगढ़ में सपा को किसी यादव को लड़ाना था तो आजमगढ़ और पूर्वांचल में बहुत से यादव हैं। लेकिन उन्हें अपने परिवार से बाहर कोई यादव दिखता ही नहीं है। 2022 के लोकसभा चुनाव में जनता ने उन्हें जवाब दिया था। अखिलेश यहां से नहीं लड़ रहे हैं यह उनका निर्णय सही है। क्योंकि वह अगर लड़ते और जीतते तो फिर सीट खाली कर चले जाते। इसके कारण फिर उपचुनाव होता। 

Also Read