उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भाजपा के कैंप कार्यालय पर नगर पालिका का बुलडोजर चलने से हड़कंप मच गया...
Ballia News : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में अतिक्रमण अभियान के दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष का कैंप कार्यालय तोड़े जाने से सियासत गरमा गई है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह इस मामले में तल्ख बयान दे रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के बड़े नेता इस बारे में बयान देने से बच रहे हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि भाजपा का कार्यालय टीडी कालेज चौराहे पर है।एक सप्ताह पहले भी इस अतिक्रमण को हटाने की कोशिश हुई थी, लेकिन सुरेंद्र सिंह के विरोध के चलते टीम को बैरंग लौटना पड़ा था।
सुरेंद्र सिंह ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के काम से जिला कार्यालय गया था, तब लोगों ने बताया कि हमारा कार्यालय तोड़ दिया गया है। यह सरकार के लोग हैं, जिन्होंने यह कदम उठाया। कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। सुरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उनका कार्यालय इंदिरा नगर मार्केट में लंबे समय से था और इससे पहले सपा सरकार के समय भी उनका कार्यालय तोड़ा गया था, लेकिन उस समय धरने के बाद उन्हें पुनः कार्यालय बनाने का मौका मिला था।
अपनों पर साधा निशाना
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ने कहा, "हमारे अपने ही लोग हमें लूट रहे हैं, हम क्या करें? हमारी कश्ती वहीं डूबी, जहां पानी कम था।" उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अतिक्रमण अभियान सही तरीके से नहीं चल रहा है और इससे जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां के जिलाधिकारी की कार्यशैली ठीक नहीं है। सुरेन्द्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जिलाधिकारी ने आदेश दिया था कि कार्यालय को तोड़ दिया जाए।
आंतरिक राजनीति का आरोप
सुरेन्द्र सिंह ने बलिया जिले की राजनीति में अंदरूनी लड़ाई का भी जिक्र करते हुए कहा, "किसी को यह डर है कि मैं बड़ा नेता न बन जाऊं। 40 साल विपक्ष में रहकर लड़ा हूं और मैं डरने वाला नहीं हूं।" उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कार्यालय को तोड़ने के पीछे की सोच यह थी कि कहीं वह बलिया से चुनावी टिकट के लिए दावेदार न बन जाएं। बलिया नगर पालिका के ईओ सुभाष कुमार ने इस कार्रवाई का पक्ष लेते हुए कहा कि जिस स्थल से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां एक छोटा पार्क बनाने की योजना थी। यह जगह पहले से पार्क के लिए चिह्नित थी। कार्यालय हटाने के लिए समय दिया गया था, लेकिन जब यह नहीं हटाया गया तो कार्रवाई की गई।