आजमगढ़ RTO में बड़ा घोटाला : 'मृतक' ने ली अपनी गाड़ी की NOC, पत्नी की शिकायत पर खुली फर्जीवाड़े की पोल

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 12, 2024 21:14

परिवहन विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें एक मृत व्यक्ति ने अपनी चार पहिया वाहन की एनओसी प्राप्त कर उसे दूसरे को बेच दिया...

Short Highlights
  • फर्जी दस्तावेज से वाहन बेचने का खुलासा
  • मृत व्यक्ति के नाम पर जारी की NOC
  • वाहन बेचने वालों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
Azamgarh News : परिवहन विभाग में चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक मृत व्यक्ति ने अपनी चार पहिया वाहन की एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त कर उसे दूसरे को बेच दिया। यह घटना तब सामने आई जब मृतक की पत्नी अल्का दुबे ने परिवहन विभाग और आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की। विभाग ने मामले की जांच के बाद एनओसी को रद्द कर दिया और आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। 

ये है पूरा मामला 
यह मामला गाजीपुर जिले के सुरहुरपुर जफ्ती गांव की निवासी अल्का दुबे के पति, सुनील दुबे के नाम से जुड़ा हुआ है। अल्का के अनुसार, उनके पति के पास एक चार पहिया वाहन था, जिसका पंजीकरण आजमगढ़ के आरटीओ में था। सुनील दुबे का निधन 18 अक्टूबर 2023 को हुआ था, लेकिन चार महीने बाद उनकी मृत्यु के बावजूद कुछ लोगों ने उनके नाम से वाहन की एनओसी प्राप्त कर ली और उसे बेच दिया। 



फर्जीवाड़े का आरोप और शिकायत
अल्का ने आरोप लगाया कि उनके पति की मृत्यु के बाद कुछ शातिर लोगों ने फर्जी तरीके से उनकी पहचान का इस्तेमाल किया और उनके नाम पर वाहन की एनओसी ले ली। इसके बाद, उस वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया गया। अल्का ने जब इस फर्जीवाड़े का पता लगाया, तो उन्होंने तुरंत आजमगढ़ के आरटीओ कार्यालय में इसकी शिकायत की और आईजीआरएस पोर्टल के जरिए भी मामला उठाया। 

आरटीओ की कार्रवाई
जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया, आजमगढ़ के आरटीओ ने तुरंत कार्रवाई की। एनओसी को रद्द कर दिया गया और विभाग ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके साथ ही आरटीओ ने जांच शुरू कर दी और आरोपियों को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठाए। अल्का को भी बताया गया कि वह गाजीपुर आरटीओ में जाकर वाहन का पंजीकरण अपने नाम पर करवा सकती हैं। 

आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी का बयान
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. आरएन चौधरी, आरटीओ प्रवर्तन, आजमगढ़ ने कहा कि मामले में एनओसी को रद्द कर दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि संबंधित बाबू से स्पष्टीकरण मांगा गया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस तरह की चूक कैसे हुई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि वाहन का पंजीकरण अब तक अल्का दुबे के नाम पर हो सका है या नहीं।

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