बदायूं में जामा मस्जिद-नीलकंठ महादेव मंदिर विवाद : ओवैसी के बयान के बाद तनाव, दोनों पक्ष अदालत में रखेंगे अपने दावे

UPT | जामा मस्जिद

Dec 02, 2024 10:34

बदायूं में जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर को लेकर लंबे समय से जारी विवाद अब और गहरा गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन...

Budaun News : बदायूं में जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर को लेकर लंबे समय से जारी विवाद अब और गहरा गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के हालिया बयान ने इस मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। शनिवार को किए गए उनके ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोग इसे मस्जिद तो कुछ इसे मंदिर बता रहे हैं। जिससे माहौल और गरमा गया है।

मुकेश पटेल का दावा 
मामला 2022 में तब शुरू हुआ, जब विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश पटेल ने दावा किया कि जहां वर्तमान में जामा मस्जिद स्थित है, वहां कभी नीलकंठ महादेव मंदिर था। अदालत में इस मामले की सुनवाई जारी है, और अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होनी है। सरकारी पक्ष ने पुरातत्व विभाग के साथ मिलकर इसे राष्ट्रीय धरोहर बताया है।

दोनों पक्षों के तर्क
विहिप के मुकेश पटेल ने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि मस्जिद से पहले वहां मंदिर था। उन्होंने दावा किया कि खंभे, मूर्तियां और सुरंगें इसके स्पष्ट प्रमाण हैं। उनका कहना है कि यह स्थल कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में मस्जिद में तब्दील किया गया था और इसका उल्लेख कई सरकारी दस्तावेजों में भी मिलता है। दूसरी ओर जामा मस्जिद के पक्षकार असरार अहमद सिद्दीकी ने कहा कि यह मस्जिद 850 साल पुरानी है और यहां कभी कोई मंदिर नहीं था। उन्होंने हिंदू महासभा के दावों को निराधार बताते हुए कहा कि सरकारी दस्तावेजों में हमेशा से इसे मस्जिद के रूप में ही दर्ज किया गया है।

सांप्रदायिक सौहार्द पर जताई चिंता
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने विवाद को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि देश में सर्वे और दावों के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश हो रही है। मौलाना ने प्रधानमंत्री से इस पर रोक लगाने की अपील की और कहा कि यह मस्जिद 1223 ईसवी में शमसुद्दीन अल्तमश द्वारा बनवाई गई थी और इसे ऐतिहासिक धरोहर माना जाना चाहिए।

अलर्ट मोड पर प्रशासन
संभल की हालिया घटना को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। विवादित स्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी भड़काऊ बयान या हरकत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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