बरेली में स्टूडेंट के साथ फर्जीवाड़ा करने वाला डॉ. विजय शर्मा गिरफ्तार : खुसरो कॉलेज के चेयरमैन के साथ डी फार्मा की फर्जी डिग्री से की करोड़ों की ठगी, जानें पूरा मामला

UPT | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

Sep 18, 2024 20:14

बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले को काफी गंभीरता से लिया था। जिसके चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी (वर्तमान एसपी सिटी) मानुष पारीक के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था।

Bareilly News : यूपी के बरेली में खुसरो डिग्री कॉलेज में सैकड़ों स्टूडेंट से डी.फार्मा की फर्जी डिग्री देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी डॉक्टर विजय शर्मा को भी पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी अनुराग आर्य ने आरोपी के खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इस तथाकथित डॉ. विजय शर्मा पर कॉलेज प्रबंधन के साथ मिलकर करीब 400 छात्रों से करीब 3 करोड़ 69 लाख 94 हजार रुपये फीस के रूप में वसूलने का आरोप है। इन स्टूडेंट को फर्जी डिग्रियां थमा दी थीं। लेकिन छात्रों को यह तब पता चला, जब उन्होंने जारी की गई डिग्रियों के आधार पर लाइसेंस प्राप्त करने और नौकरी के लिए आवेदन किया। शहर के सीबीगंज थाने में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। 

एसएसपी ने गठित की थी एसआईटी 
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले को काफी गंभीरता से लिया था। जिसके चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी (वर्तमान एसपी सिटी) मानुष पारीक के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था। जांच के बाद पता चला कि खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज के प्रबंधन ने उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मदरहुड विश्वविद्यालय (रुड़की) और छत्रपति शिवाजी साहू महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर) के नाम से फर्जी डी. फार्मा की डिग्रियां छात्रों को दी गई थी। इस मामले में करोड़ों रुपये ठग लिए थे। जांच में पता लगा कि इस धन का कॉलेज प्रबंधन ने करोड़ों रुपये की संपत्तियां बनाने में किया था। 

शिक्षण संस्थान के साथ मिलकर बनाई फर्जी डिग्री 
फर्जी डिग्री के मामले में एसआईटी और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) ने संयुक्त कार्रवाई की। इसमें 25 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त विजय शर्मा को बुधवार को झुमका तिराहा के पास से गिरफ्तार किया गया। विजय शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसने कई संस्थानों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बनाईं।उन्हें बेचकर धन अर्जित किया। उसने बताया कि वह विभिन्न कॉलेजों को बी.फार्मा और डी.फार्मा की मान्यता दिलाने के नाम पर काम करता था। उसने करोड़ों रूपये की प्रॉपर्टी बनाई। उसे बचपन से ही डॉक्टर बनने का शौक था। इसलिए डॉक्टर बना था।

आरोपी डॉ. विजय शर्मा पर कई मुकदमें हैं दर्ज
डी.फार्मा की फर्जी डिग्री देने वाले विजय शर्मा का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उसके खिलाफ सीबीगंज थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 120बी के तहत तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। शर्मा ने 2018 में बीएनवाईएस (बैचलर ऑफ नैचुरल पैथी योगा साइंस) का कोर्स किया और फिर “आस्था कंसल्टेंसी” नामक एक संस्था खोली, जो कॉलेजों को कमीशन बेस पर मान्यता दिलाने का काम करती थी। उसने कई संस्थानों को फर्जी डिग्रियां दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान एसआईटी में शामिल क्राइम ब्रांच प्रभारी निरीक्षक श्रवण कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार शर्मा, उपनिरीक्षक मोहित चौधरी, हेड कांस्टेबल नवीन, हेड कांस्टेबल विश्वास मलिक, हेड कांस्टेबल लोकेन्द्र बालियान, कांस्टेबल शेखर वर्मा आदि शामिल थे।

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