जल जीवन मिशन योजना में धांधली : पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने की जांच की मांग, CM को लिखा पत्र

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Oct 06, 2024 01:57

जल जीवन मिशन योजना में अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का ध्यान आकर्षित किया है। इस योजना के तहत भूमिगत पाइपलाइन बिछाने, वाटर हेड टैंक के निर्माण...

Basti News : उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की रूधौली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जल जीवन मिशन योजना में अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने इस योजना में भ्रष्टाचार, गुणवत्ता में कमी और नियमों के उल्लंघन की शिकायत करते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।

जायसवाल ने अपने पत्र में बताया कि उन्होंने विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया, जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें योजना में हो रही अनियमितताओं के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत भूमिगत पाइपलाइन बिछाने, वाटर हेड टैंक के निर्माण और अन्य संबंधित कार्यों के लिए तीन कंपनियों - मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेसर्स वी.एस.ए. इन्फ्रा प्रोजेक्ट, और मेसर्स जैक्शन विश्वराज - को ठेका दिया गया था।

पूर्व विधायक ने लगाए आरोप
पूर्व विधायक ने कई गंभीर मुद्दे उठाए हैं। सबसे पहले, उन्होंने बताया कि योजना के सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक 13 तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति करनी थी जो अभी तक नहीं हुई है, जबकि इसके लिए 2021 में ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आज तक इन तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। 

दूसरा मुद्दा यह है कि ठेकेदार कंपनियां अपने काम का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा उप-ठेकेदारों को दे रही हैं। इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि उप-ठेकेदारों को समय पर भुगतान भी नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदार कंपनियां मनमानी कर रही हैं। जायसवाल ने इस प्रथा पर रोक लगाने और कार्य की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है।

तीसरा, पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि पाइपलाइन बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और उनकी पटरियों का पुनर्निर्माण ठीक से नहीं किया गया है। राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ठेकेदार कंपनियां अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रही हैं। चौथा और सबसे गंभीर आरोप यह है कि कुछ मामलों में ग्राम प्रधानों के फर्जी हस्ताक्षर करके कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। इससे न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि योजना के उद्देश्यों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है।

जल शक्ति मंत्री को सौंपा शिकायत पत्र
जायसवाल ने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात कर इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और उन्हें एक शिकायत पत्र भी सौंपा। उन्होंने मांग की है कि इन सभी अनियमितताओं की गहन जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदार कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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ये है जल जीवन मिशन का उद्देश्य
जल जीवन मिशन भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य देश के हर घर तक पाइप से शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। ग्रामीण परिवारों को नियमित और लंबे समय तक अच्छी क्वालिटी का पीने का पानी उपलब्ध कराना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत, 7 मार्च, 2024 तक देश के 75% से ज़्यादा घरों में नल का कनेक्शन दे दिया गया था।

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