ब्रिटिश काल में शुरू हुई थी यहां की रामलीला : इसमें युवक को दी जाती है फांसी, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

UPT | ब्रिटिश काल में शुरू हुई थी यहां की रामलीला

Oct 11, 2024 23:31

आपने उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में रामलीलाओं के विभिन्न रूपों का अनुभव किया होगा। लेकिन गोंडा जिले में एक अनोखा तरीका है, जहां कलाकार हर वर्ष रामलीला का आयोजन करते हैं।

Gonda News : आपने उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में रामलीलाओं के विभिन्न रूपों का अनुभव किया होगा। लेकिन गोंडा जिले में एक अनोखा तरीका है, जहां कलाकार हर वर्ष रामलीला का आयोजन करते हैं। इस आयोजन को देखने के लिए केवल गोंडा ही नहीं, बल्कि आस-पास के कई जिलों से लोग आते हैं। करनैलगंज में ब्रिटिश शासन काल से जारी इस ऐतिहासिक रामलीला में रावण वध के पहले दिन फांसी के नाटक का मंचन सैकड़ों वर्षों से होता आ रहा है। 

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युवक को दी जाती है फांसी
यहां, एक युवक को प्रतीकात्मक रूप से फांसी दी जाती है, जो रामलीला कमेटी के जज द्वारा दिए गए आदेश पर आधारित होता है। इसे देखकर दर्शक हैरान रह जाते हैं। करनैलगंज की इस अनोखी रामलीला में हजारों लोगों की भीड़ के बीच एक हत्यारे को हत्या के मामले में सरेआम फांसी के फंदे पर लटका दिया जाता है, जिससे दर्शक अचंभित हो जाते हैं। मंचन में दिखाया जाता है कि मेले में एक व्यापारी व्यापार कर रहा होता है, तभी एक बदमाश उसे लूटकर हत्या कर देता है। मामला रामलीला के कोर्ट में पहुंचता है, जहां वकीलों में बहस होती है और डॉक्टर की रिपोर्ट के बाद, हजारों की भीड़ के सामने हत्यारे को प्रतीकात्मक रूप से फांसी दी जाती है।



अपराधियों के प्रति जागरूक करना उद्देश्य
इस नाटक का मुख्य उद्देश्य समाज को अपराध और अपराधियों के प्रति जागरूक करना है। रामलीला कमेटी फांसी के नाटक के माध्यम से जनता को यह संदेश देती है कि अगर कोई गलत कार्य करता है, तो कानून उसे दंडित करेगा। अपराधी चाहे कितने भी प्रयास करें, कानून का हाथ अंततः उसे पकड़ लेगा। जैसे भगवान श्री राम ने दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन कर असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दिया, वैसे ही रामलीला कमेटी फांसी का प्रतीकात्मक नाटक करके लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है।

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