Gonda News : बेसिक शिक्षा विभाग में गंभीर वित्तीय संकट, 9000 शिक्षक और कर्मचारी परेशान...

UPT | जिला वित्त एवं लेखा अधिकारी।

Dec 24, 2024 01:40

गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में वित्तीय और प्रशासनिक अव्यवस्थाएं गंभीर रूप ले चुकी हैं। जिससे जिले के 8200 परिषदीय शिक्षक और 700 शिक्षणेत्तर कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। वेतन में हो रही देरी के कारण शिक्षकों की दैनिक जीवन...

Gonda News : गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में वित्तीय और प्रशासनिक अव्यवस्थाएं गंभीर रूप ले चुकी हैं। जिससे जिले के 8200 परिषदीय शिक्षक और 700 शिक्षणेत्तर कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। वेतन में हो रही देरी के कारण शिक्षकों की दैनिक जीवन और पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। यह समस्या जून 2024 से शुरू हुई, जब वित्त एवं लेखाधिकारी संजय चतुर्वेदी का स्थानांतरण हुआ। नए अधिकारी की नियुक्ति में देरी के कारण स्थिति और बिगड़ी। 

क्या है पूरा मामला
संजय चतुर्वेदी का स्थानांतरण 30 जून 2024 को हुआ और 27 जुलाई 2024 को आयुक्त देवीपाटन मंडल ने उन्हें पद पर वापस लौटने का आदेश जारी किया, लेकिन यह आदेश लागू नहीं हो सका। इसके बाद सितंबर 2024 में सिद्धार्थ दीक्षित को वित्त एवं लेखाधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया, लेकिन उन्होंने दो महीने तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया। 10 दिसंबर 2024 को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए आकस्मिक अवकाश का आवेदन किया, जिसे बाद में फर्जी पाया गया। सिद्धार्थ दीक्षित के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की गई है क्योंकि उन्होंने न केवल कार्य में लापरवाही दिखाई, बल्कि नियमों का उल्लंघन भी किया। इसके अलावा वेतन भुगतान में हो रही देरी के कारण कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई शिक्षक अपने परिवार के खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज लेने पर मजबूर हो गए हैं। 

विभाग पर गंभीर सवाल 
गोंडा के बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासनिक लापरवाही और वित्तीय कुप्रबंधन ने विभाग की साख को नुकसान पहुंचाया है। विभागीय सुधार के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। वेतन भुगतान की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया गया है। इन समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों का सहयोग भी जरूरी है। प्रशासन को इन मुद्दों को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान निकालना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की वित्तीय और प्रशासनिक अव्यवस्थाएं न हों।

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