गोरखपुर में अनोखा मामला : बेटी-दामाद में खटपट के बाद ससुराल के लोग उपहार में मिले कार से खूब कटवा रहे हैं चालान

UPT | प्रतीकात्मक फोटो।

Dec 30, 2024 23:08

चिलुआताल थाना क्षेत्र निवासी एक पिता ने अपनी बेटी की शादी चार साल पहले धूमधाम से की थी। उपहार में बेटी और दामाद को कार दिया। रजिस्ट्रेशन बेटी के नाम से कराया। इस बीच एक साल पहले बेटी और दामाद में किसी बात को लेकर खटपट हो गई।

Gorakhpur News : गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां पर बेटी की शादी में उपहार के रूप में दी गई कार परिजनों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। पति-पत्नी के रिश्तों के बीच खटास आने के बाद ससुराल पक्ष के लोग कार नहीं लौटा रहे हैं। यहां तक कि कार का चालान होने पर जुर्माने का कागज लड़की पक्ष को थमा दे रहे हैं या फिर जमा ही नहीं कर रहे हैं। चूंकि जिसके नाम से गाड़ी है, चालान भरने की जिम्मेदारी उसकी हो जाती है, इसलिए दोनों पक्षों में विवाद और बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों की वजह से पुलिस भी परेशान है। अधिकारियों के सामने आए दिन ऐसे मामले आ रहे हैं।

क्या है पूरा मामला
चिलुआताल थाना क्षेत्र निवासी एक पिता ने अपनी बेटी की शादी चार साल पहले धूमधाम से की थी। उपहार में बेटी और दामाद को कार दिया। रजिस्ट्रेशन बेटी के नाम से कराया। इस बीच एक साल पहले बेटी और दामाद में किसी बात को लेकर खटपट हो गई। मामला थाने पहुंचा लेकिन दोनों पक्ष अलग नहीं हुए। उधर, उपहार में मिली कार लेकर पति घूमता रहा। अपने दोस्त को भी चलाने के लिए दे दी, जिसका चार बार में 20 हजार रुपये का चालान कट गया। इसकी जानकारी होने के बाद परिवार के लोग परेशान हैं। ससुराल पक्ष के लोग न तो गाड़ी लौटा रहे हैं, न ही चालान जमा कर रहे हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत की है।

ऐसे ही एक दूसरे मामले में कैंट क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने छह साल बेटी की शादी में बुलेट दी थी। उसका प्रदूषण सहित अन्य मामलों में चालान हो गया। आठ हजार जुर्माना होने पर पति ने चालान के पेपर पत्नी के पास भेज दिए। दोनों पक्षों की पंचायत बैठी तो बुलेट के चालान का मामला आया। मामला इसलिए नहीं सुलझ पा रहा है क्योंकि एक पक्ष कह रहा है कि जिसके नाम से गाड़ी है वह जुर्माना जमा कराए। दूसरा पक्ष कह रहा है कि चलाने वाले की लापरवाही से चालान हुआ है इसलिए पैसा उसे देना चाहिए।

पुलिस है असमंजस में
शहर के थानों में आए दिन दहेज के मामले दर्ज होते हैं। लोगों के बीच उपहार में दिए सामानों को लेकर भी पंचायत होती है। इसमें वाहनों से संबंधित मामले आने लगे हैं। काफी मामले वाहनों के चालान कटने के हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग दामाद के नाम से पंजीकरण कराते हैं जबकि कुछ लोग बेटी के नाम से ही उपहार देते हैं। ऐसे में गाड़ी जिसके नाम से होती है, उसे ही चालान की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

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