Jhansi News : झांसी में बसेगी एजुकेशन सिटी, बीडा ने शुरू की कवायद

सोशल मीडिया | झांसी में बनेगी एजुकेशन सिटी

Dec 22, 2024 06:29

झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एजुकेशन सिटी बसाने की योजना शुरू की है। बीडा प्रशासन ने इस परियोजना की शुरुआत ईओआई (अभिरुचि का आमंत्रण) प्रक्रिया के माध्यम से की है। इसमें दिलचस्पी रखने वाली कंपनियां 28 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकती हैं।

Jhansi News : बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) झांसी के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। बीडा अब झांसी में एक भव्य एजुकेशन सिटी बसाने की योजना बना रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत बीडा प्रशासन ने ईओआई (अभिरुचि का आमंत्रण) प्रक्रिया के साथ कर दी है।

नामी शैक्षिक संस्थानों के आने की उम्मीद 
इस एजुकेशन सिटी में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित शैक्षिक संगठनों के आने की संभावना है। बीडा प्रशासन को उम्मीद है कि यह परियोजना झांसी को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

ईओआई प्रक्रिया और समय सीमा 
इस परियोजना में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियां 28 जनवरी तक अपनी अभिरुचि व्यक्त कर सकती हैं। बीडा प्रशासन का लक्ष्य है कि इस परियोजना को आकार लेने में लगभग तीन महीने का समय लगेगा।

बीडा बोर्ड की मंजूरी 
इस परियोजना को 10 नवंबर को बीडा बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिली थी। बोर्ड ने एजुकेशन सिटी के साथ-साथ मिक्स्ड यूज सिटी, हॉस्पिटल सिटी, और वाटर रिसोर्स एवं स्किल्ड डेवलपमेंट आधारित परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी थी।

उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षण पर ध्यान 
प्रस्तावित एजुकेशन सिटी में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षण के विशेषज्ञ संस्थानों को जगह मिलेगी। ईओआई प्रक्रिया के माध्यम से इच्छुक संस्थानों की शैक्षिक और वित्तीय क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाएगा।

सीईओ का बयान 
बीडा के सीईओ अमृत त्रिपाठी ने बताया कि बीडा को एजुकेशन सिटी के लिहाज से पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है।

400 हेक्टेयर में विकास कार्य जल्द शुरू 
बीडा के अंतर्गत विकास कार्य अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। 400 हेक्टेयर क्षेत्र में भू-समतलीकरण, सड़क निर्माण, बिजली के खंभे, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, और पानी की व्यवस्था जैसे बुनियादी ढांचा विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। शुरुआत में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनियों को जमीन आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।

मास्टर प्लान 
मास्टर प्लान के विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, यहां आवासीय इकाइयों के लिए 16.2%, व्यवसायिक गतिविधियों के लिए 3.2%, प्रतिष्ठानों के लिए 2.8%, मिश्रित भू उपयोग के लिए 7.9%, ग्रीन बेल्ट के लिए 15.1%, और परिवहन के लिए 15.1% जमीन सुरक्षित रखी जाएगी।
 

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