Jhansi Encounter : जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर हमला बदला लेने की साजिश, आरोपी सुमित यादव ने किया खुलासा

UPT | जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर हमला बदला लेने की साजिश

Dec 20, 2024 06:32

झांसी में जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर हुए प्राणघातक हमले का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में आरोपी सुमित यादव ने बताया कि यह हमला उसके पिता के उत्पीड़न का बदला लेने के लिए किया गया था। जानें इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी, हमले की वजह, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तारी और फरार आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस की कार्रवाई।

Jhansi News : झांसी जेल के जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर हुए प्राणघातक हमले के पीछे का कारण सामने आ गया है। गुरुवार शाम को मुठभेड़ में घायल हुए आरोपी सुमित यादव ने पुलिस पूछताछ में हमले की वजह स्पष्ट की। उसने बताया कि यह हमला उसके पिता हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के उत्पीड़न का बदला लेने के लिए किया गया था।

सुमित ने बताया कि उसके पिता कमलेश यादव 2019 से झांसी जेल में बंद थे। दो साल पहले कस्तूरी लाल गुप्ता ने जेलर का पद संभाला। शुरुआत में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने उत्पीड़न शुरू कर दिया। विरोध के बाद पिता को 10 नवंबर को हमीरपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया, जहां भी हालात नहीं सुधरे। इसके बाद सुमित ने अपने भाई अमित और दोस्तों के साथ मिलकर जेलर पर हमला करने की साजिश रची।

मुठभेड़ में घायल हुआ आरोपी, भाई और साथी फरार
गुरुवार शाम को सुकुवां-ढुकुवां कॉलोनी के पीछे जंगल में मुठभेड़ के दौरान सुमित के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। हमले में शामिल सुमित का छोटा भाई अमित यादव और उसके दो साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि हमले से पहले सुमित और अमित ने 7 दिसंबर को हमीरपुर जेल में अपने पिता से मुलाकात की थी। इसके बाद 11 दिसंबर को कमलेश से उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने मुलाकात की।

चारों आरोपी हमले के बाद हुए अलग-अलग फरार
गिरफ्तार सुमित ने बताया कि हमले में शामिल चारों आरोपी घटना के बाद अलग-अलग भाग गए। उन्होंने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए और मथुरा, दिल्ली और राजस्थान में छिपते रहे। पुलिस ने सुमित के पास से तमंचा, कारतूस और बिना नंबर की बाइक बरामद की है। सुमित पर 20,000 रुपए का इनाम भी घोषित था।

जेलर पर हमला: क्या हुआ था 14 दिसंबर को?
14 दिसंबर को दोपहर 12:15 बजे जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता हैदराबाद ट्रेनिंग के लिए स्टेशन जा रहे थे। डीआरएम ऑफिस के पास सफेद कार ने उनके ऑटो को रोका। कार से सुमित, अमित और उनके दो साथी उतरे और जेलर और वार्डर अर्जुन सिंह पर जानलेवा हमला किया। हमले में जेलर का हाथ फ्रैक्चर हो गया।

पुलिस के रडार पर पूरा गिरोह
पुलिस ने बताया कि हमले में प्रयुक्त कार कानपुर के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिसे आरोपी गिरवी रखकर उपयोग कर रहे थे। सुमित और अमित पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है।

जेलर की हालत स्थिर:
जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता को लखनऊ रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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