महाकुंभ 2025 : झांसी में आरपीएफ की कड़ी सुरक्षा, ड्रोन से निगरानी, क्यूआर कोड वाले स्पेशल कोच

सोशल मीडिया | झांसी में आरपीएफ की कड़ी सुरक्षा

Jan 07, 2025 08:49

महाकुंभ 2025 में झांसी में आरपीएफ द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। ड्रोन निगरानी, क्यूआर कोड वाले स्पेशल कोच और अन्य उपायों से श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

Jhansi News : आगामी महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने व्यापक इंतजाम किए हैं। झांसी में स्टेशनों, रेल लाइनों और आसपास के क्षेत्रों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही, स्पेशल ट्रेनों के कोचों पर क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को कुंभ से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए आरपीएफ विशेष रूप से ड्रोन में लगे शक्तिशाली कैमरों का उपयोग करेगा। इन कैमरों की मदद से यात्रियों की भीड़ में छिपे असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। ड्रोन कैमरों के माध्यम से प्लेटफार्मों, रेलवे यार्ड, रेलवे ट्रैक और आस-पास के क्षेत्रों की निगरानी की जाएगी। इन सभी ड्रोन कैमरों की लाइव फुटेज आरपीएफ के कंट्रोल टावर में देखी जा सकेगी। ड्रोन कैमरों की तकनीक और इस्तेमाल के लिए आरपीएफ स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। इस संबंध में आरपीएफ के आईजी अमिय नंदन सिन्हा ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

आसपास के गांवों पर भी रहेगी नजर
आरपीएफ रेलवे ट्रैक के आस-पास के सभी गांवों, कस्बों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों और उनमें बाहर से आने वालों की गतिविधियों पर भी नजर रखेगी। यह कदम आरपीएफ द्वारा अपना सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए उठाया जा रहा है।

स्पेशल ट्रेनों के कोचों पर क्यूआर कोड
महाकुंभ के दौरान रेल प्रशासन द्वारा प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इन ट्रेनों के सौ कोच झांसी में भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें चित्रों के माध्यम से कुंभ की भव्यता को दर्शाया जा रहा है। इसके अलावा, इन कोचों में क्यूआर कोड भी लगाए जा रहे हैं। रेलवे के मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि क्यूआर कोड को स्कैन करते ही कुंभ से जुड़ी तमाम जानकारियां मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएंगी। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा यह कदम उठाया गया है।
 

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