Jhansi News : पांच दिन से खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदला, ग्रामीण परेशान

सोशल मीडिया | बिजली विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल, किसानों और छात्रों को हो रही परेशानी

Jan 08, 2025 15:05

टहरौली के ग्राम बमनुओं में 63 केवी का ट्रांसफार्मर फुंकने के पांच दिन बाद भी नहीं बदला गया है। अंधेरे में जीने को मजबूर ग्रामीण बिजली विभाग की लापरवाही से परेशान हैं। कम वोल्टेज और बिजली कटौती से किसान और छात्र भी संकट में हैं।

Jhansi News : टहरौली तहसील के समीप ग्राम बमनुओं के पठला मोहल्ले में स्थित 63 केवी का बिजली ट्रांसफार्मर फुंकने के पांच दिन बाद भी नहीं बदला जा सका है। इस कारण गांव के आधे से अधिक परिवार अंधेरे में जीवन बिता रहे हैं। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीण राकेश कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने डायल 1912 पर खराब ट्रांसफार्मर की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 48 घंटे के भीतर इसे बदलने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन पांच दिन बीतने के बावजूद स्थिति जस की तस है। जब उन्होंने टहरौली उपकेंद्र के जेई मोहम्मद सोहेल सिद्दीकी से संपर्क किया, तो जवाब मिला कि ट्रांसफार्मर अभी नहीं बदला जाएगा।

ग्रामीणों की मांग: जल्द बदले ट्रांसफार्मर
वीरेंद्र लंबरदार, गोविंददास कुशवाहा, संजय शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने प्रशासन से खराब ट्रांसफार्मर को तुरंत बदलवाने और बिजली आपूर्ति सुचारू करने की अपील की है। जेई मोहम्मद सोहेल सिद्दीकी ने कहा कि कर्मचारियों से जांच कराई जा रही है और जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।

कम वोल्टेज और बिजली कटौती से परेशान किसान
बमनुओं सहित आस-पास के अन्य गांवों, जैसे वीरपुरा, भदरबारा, सैगुवां, कैरोखर, हेवतपुरा, मढा और करनपुरा के किसान भी बिजली कटौती और कम वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं। किसानों ने बताया कि नलकूपों में पर्याप्त बिजली नहीं मिलने के कारण खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि समस्या पिछले दो महीने से जारी है और बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। यह स्थिति केवल किसानों को ही नहीं, बल्कि छात्रों को भी प्रभावित कर रही है, क्योंकि पढ़ाई के लिए बिजली की उपलब्धता अनिवार्य है।

प्रशासन से न्याय की उम्मीद
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने और जल्द समाधान कराने की मांग की है। बिजली आपूर्ति के अभाव में जीवन कठिन होता जा रहा है, और ग्रामीण अब विभागीय कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
 

Also Read