Kanpur News: महिला को डिजिटल अरेस्ट कर की गई 90 लाख रुपये की ठगी, जाने कैसे दिया ठगी की घटना को अंजाम..

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Oct 30, 2024 07:05

बिठूर की रहने वाली एक महिला के साथ ठगी को घटना हुआ है। जहां पीड़िता को तस्करी में आरोपी बताया। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। महिला को छोड़ने के नाम पर 90 लाख रुपये ठग लिए। मामले में पीड़िता ने साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

Kanpur News: कानपुर शहर में ठगी की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है।ठग गैंग आएदिन नए नए तरीके अपना कर लोगो को अपना ठगी का शिकार बना रहा है।साइबर ठगी से बचाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस लगातार अभियान चलाकर जागरूकता फैला रही है। इसके बाद भी लोग इनके नए-नए ठगी के पैतरों के शिकार होकर लाखों गवां रहे हैं। साइबर सेल का दावा है, कि केवल जागरूकता ही इससे बचने का सबसे बड़ा साधन है।

तस्करी का आरोपी बताकर महिला से की ठगी
इन दिनों सबसे ज्यादा लोग फ्रॉड कॉल और डिजिटल अरेस्ट के मामले में फंस रहे हैं। ऐसा ही एक ठगी का मामला बिठूर की रहने वाली महिला के साथ हुआ है, जहां पीड़िता को तस्करी में आरोपी बताया। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। महिला को छोड़ने के नाम पर 90 लाख रुपये ठग लिए। मामले में पीड़िता ने साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

स्काइप आईडी पर दी महिला को धमकी
बता दें कि  रूद्र ग्रीन बिठूर निवासी मीना चावला ने दर्ज एफआईआर में बताया कि उन्हें 17, 18 और 19 मई 2024 को मोबाइल नंबर पर फोन आया। फोन करने वालों ने स्काइप आईडी से कॉल किया। खुद को दिल्ली साइबर क्राइम से होने की बात कही। उन्हें स्काइप आईडी पर धमकी दी कि उनका तस्करी के केस में नाम आया है।इसकी जांच ईडी द्वारा की जा रही है। फोन करने वालों ने उन्हें एक कोर्ट केस का समन भी भेजा। उन्हें डरा धमकाकर कई बार में 90 लाख रुपये वसूल लिए।

अलग अलग मोबाइल नंबरो से आई कॉल
दर्ज एफआईआर में पीड़िता मीना चावला ने बताया कि उनके एक मोबाइल नंबर पर 8 नंबरों और दूसरे मोबाइल नंबर पर 7 अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आई। आरोपियों ने उन्हें एक ही जगह पर बैठे रहने को कहा। फिर उन्हें इस केस से बचाने के नाम पर रुपये वसूले। उन्होंने भारत सरकार की साइबर फ्रॉड कंप्लेंट वेबसाइट पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई।

डीसीपी क्राइम ने दी जानकारी
वही इस पूरे मामले पर डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नही करती है।एजेंसियां पूछताछ करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करती है।लोगो से अपील है कि इस तरह की कॉल से किसी के बहकावे में न आये।ऐसी काल आने पर पुलिस से संपर्क करे।
 

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