कानपुर नगर: चौकी इंचार्ज के के शर्मा की तीसरी बार जमानत अर्जी हुई खारिज,बिकरु कांड का है आरोपी

UPT | हाइकोर्ट फैसला

Sep 24, 2024 12:12

कानपुर के चर्चित बिकरु हत्याकांड में आरोपी पाए गए चौकी इंचार्ज के के शर्मा की हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीसरी बार आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया हैं।

Kanpur News: कानपुर के चर्चित रहे बिकरु हत्याकांड में कल हुई सुनवाई के दौरान घटना में शामिल आरोपी चौकी इंचार्ज की सुनवाई के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी  की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह जमानत याचिका अर्जी तीसरी बार खारिज की गई है।कोर्ट ने कहा है कि मुकदमे का ट्रायल चल रहा है ।अपराध की गंभीरता और याची की अपराध में भूमिका को देखते हुए फिलहाल जमानत दिए जाने का आधार नहीं है। हालांकि कोर्ट ने आरोपी चौकी इंचार्ज को छूट दी है कि वह 6 महीने बाद ट्रायल के स्टेटस के साथ फिर से जमानत अर्जी दाखिल कर सकता हैं।

तीसरी बार जमानत याचिका हुई खारिज
बता दें कि कानपुर के चर्चित रहे विकरु हत्याकांड में 8 पुलिस कर्मियों की जान चली गई थी। जिसमें इस घटना के दौरान कई पुलिसकर्मी के शामिल होने की बात सामने आई थी। इस दौरान चौकी इंचार्ज केके शर्मा की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। जिसके बाद उसको जेल भेज दिया गया था। वही केके शर्मा ने हाई कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दाखिल की थी। जिसको लेकर कल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी।हाई कोर्ट ने केके शर्मा की जमानत याचिका को तीसरी बार खारिज कर दिया है।केके शर्मा की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुनवाई की।प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने जमानत अर्जी का विरोध किया।इससे पूर्व के के शर्मा की 21 सितंबर 2021 को पहली जमानत अर्जी और 12 अप्रैल 2023 को दूसरी जमानत अर्जी हाईकोर्ट में खारिज हो चुकी है। याची के वकीलों का कहना था कि 8 जुलाई 2020 से जेल में बंद है और अभी ट्रायल जल्द पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है। यह भी कहा गया कि जिन गवाहों के अब तक बयान हुए हैं उनमें से किसी में भी याची की कोई भूमिका सामने नहीं आई है। किसी गवाह के बयान में यह बात नहीं आई है कि याची ने पुलिस रेड की जानकारी विकास दुबे को पहले से दी थी। जमानत का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और विकास सहाय का कहना था कि इस स्तर पर अदालत साक्ष्य की प्रकृति पर विचार नहीं कर सकती क्योंकि कई महत्वपूर्ण गवाहों के बयान अभी नहीं हुए हैं।

छह माह बाद फिर से दाखिल कर सकेंगे जमानत अर्जी
इस मामले में करीब 22 मुख्य गवाहों के बयान अभी होने बाकी है।जमानत दिए जाने पर यांची गवाहों को प्रभावित कर सकता है।कोर्ट में प्रस्तुत की गई ट्रायल की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार मामले में कुल 102 गवाह है। जिनमें से कुछ लोगों की ही गवाही अभी हुई है। कोर्ट ने कहा है कि याची की भूमिका काफी गंभीर है ।उसने पुलिस अधिकारी होते हुए अपने साथियों का भरोसा तोड़ा।जिसकी वजह से उसके आठ सहकर्मियों की हत्या हो गई। मुकदमे का ट्रायल शुरू हो चुका है। गवाहों के परीक्षण का विस्तृत अवसर मिलेगा।अपराध की प्रकृति को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि याची काफी लंबे समय से जेल में बंद है।कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए याची को यह छूट दी है कि वह 6 महीने बाद ट्रायल की स्थिति के साथ फिर से जमानत अर्जित दाखिल कर सकता है।

Also Read