Heat Stroke: कन्नौज में गर्मी से खौल रहा काली नदी का पानी, मछलियों की मौत उठ से रही दुर्गंध, बीमारी फैलने की आशंका

UPT | काली नदी

Jun 03, 2024 14:59

कन्नौज में काली नदी का पानी कम होने की वजह से गर्मी में खौल उठा है। जिसकी वजह से बड़ी तादात में मछलियों की मौत हो रही है। धूप पड़ी मछलियां सड़ रहीं हैं। जिसकी दुर्गंध से ग्रामीणों का सांस लेना भी मुस्किल हो रहा है। 

Kannauj News: उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं। जिसका असर पशु, पक्षियों और जलीय जीव—जंतुओं पर भी देखने को मिल रहा है। इत्र नगरी कन्नौज में भीषण गर्मी की वजह से काली नदी का पानी खौल रहा है। जिसकी वजह से नदी में जहां तक नजर जा रही है। वहां पर मरी हुई म​छलियों को देखा जा सकता है। मरी हुई मछलियां नदी की ऊपरी शतह पर उतरा रही हैं। मछलियों के सड़ने की वजह से आसपास के गांव में भीषण दुर्गंध फैली हुई है। ग्रामीणों को डर है कि बदबू की वजह से किसी तरह की महामारी ना फैल जाए।

काली नदी कन्नौज की सबसे प्रदूषित नदी है। औद्योगिक शहरों से होकर गुजरने वाली काली नदी कन्नौज आते—आते अपने साथ ढेरो प्रदूषण को साथ ले आती है। स्थानीय लोग इस नदी के पानी को जहरीला मानते हैं। भीषण गर्मी की वजह से नदी का पानी सिमट कर रह गया है। वहीं, गर्मी के कारण नदी का पानी भी खौल रहा है।

बीमारी फैलने की आशंका
पानी सामान्य से ज्यादा गर्म होने पर मछलियां मर रही हैं। धूप में पड़ी रहने के कारण पानी में सड़ रही हैं। उसकी दुर्गंध की वजह से आसपास के लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों प्रशासन से इसकी सफाई कराई जाने की मांग की है। उनका कहना है यदि सफाई नहीं हुई, तो गांव बीमारी की चपेट में आ जाएंगे।

आक्सिजन की कमी से तो नहीं मर रहीं मछलियां
गर्मी की वजह से काली नदी में मछलियों की मौत हो रही। इसके साथ ही नदी का पानी भी एक अलग कहानी बयां कर रहा है। नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों का मानना है कि पानी में केमिकल मिला हुआ है। नदी सूखने की वजह से उसका दायरा सिमट गया है। इसके साथ ही नदी का बहाव भी थम गया है। एक जगह पानी इकठ्ठा होने से आक्सिजन की कमी हो गई है। जिसकी वजह से भी मछलियां मर सकती हैं।
 

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