Lucky Seat: सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए लकी है कन्नौज का गढ़, पिता की विरासत बचाई, फिर लिख दिया नया कीर्तिमान

UPT | अखिलेश यादव

Jun 09, 2024 16:24

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए कन्नौज संसदीय सीट लकी है। उन्होंने जब कभी भी कन्नौज से चुनाव जीता है, उनकी पार्टी ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस चुनाव उन्होंने दोबारा इतिहास रच दिया।

Kannauj News: इत्र नगरी कन्नौज का गढ़ सपा मुखिया अखिलेश यादव के लकी रहा है। अखिलेश यादव 15 साल बाद दोबारा कन्नौज से संसदीय पारी की शुरूआत करने जा रहे हैं। उन्होंने यादव लैंड पर दोबारा कब्जा किया। इतना ही नहीं सपा देश की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अखिलेश कन्नौज के सांसद के रूप में दिल्ली की सियासत करेंगे। सपा मुखिया कन्नौज से चौथी बार सांसद चुने गए हैं।

सपा मुखिया जब—जब कन्नौज से चुनाव लड़े हैं, उनकी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2000 में अपनी सियासी पारी की शुरूआत कन्नौज से की थी। पिता मुलायम सिंह की छोड़ी हुई सीट पर पहली बार जीतकर संसद पहुंचे थे। अखिलेश ने 2004 के चुनाव में तीन लाख वोटों से जीते थे। सपा सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, सपा ने 34 सीटें जीती थीं।

सपा ने जीती 37 सीटें
सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार तीन बार सांसद बनकर 2012 में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे। कन्नौज से चौथी बार चुनाव जीतकर उन्होंने रेकॉड बनाया। इसके साथ ही सपा को प्रदेश की सबसे बड़ी और देश की तीसरी नंबर की पार्टी बना दिया। सपा ने यूपी में 37 सीटें जीती हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने यूपी की 6 सीटों पर जीत दर्ज की है।

कन्नौज का गढ़ कभी नहीं छोडूंगा
अखिलेश यादव ने कन्नौज को अपना घर बताया था। नामांकन और चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने पहले चुनाव की यादों को ताजा कर पुराने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। कन्नौज से सियासी पारी की शुरूआत की थी, यहां की एक—एक गली और गांव के रास्तों से वाकिफ हूं। कन्नौज का गढ़ कभी नहीं छोड़ सकता हूं। कार्यकर्ताओं की मांग पर नामांकन प्रकिया समाप्त होने से एक दिन पहले उम्मीदवारी की घोषणा की थी।

खुद जीत का प्रमाण पत्र लेने पहुंचे
लोकसभा चुनाव 2024 में कन्नौज की सीट जीतने के बाद अखिलेश यादव पहली बार अपना प्रमाण पत्र लेने के लिए खुद पहुंचे थे। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। यह इस बात की तरफ इशारा है कि वो खुद को कन्नौज से जोड़े रखना चाहते हैं। अखिलेश लखनऊ से कन्नौज कलेक्ट्रेट पहुचे थे, और डीएम सुभ्रांत शुक्ल से जीत का ​सर्टिफिकेट हासिल किया था।
 

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