कानपुर का साइबर फ्रॉड : वैलेंटाइन डे पर पकड़ा गया प्रेमी जोड़ा, श्रम विभाग के पोर्टल से किया था करोड़ों का घोटाला

UPT | पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।

Feb 14, 2024 18:53

कानपुर में श्रम विभाग के पोर्टल से हुए करोड़ों के घोटाले का पुलिस ने खुलासा किया। घोटाला करने वाले प्रेमी जोड़े सहित चार अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर...

Short Highlights
  • कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत अनुदान के फर्जी आवेदन किए
  • अपराधियों ने आईडी व अधिकारियों के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग किया था
Kanpur News : कानपुर में वैलेंटाइन डे के दिन पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने वैलेंटाइन डे के दिन करोड़ों का घोटाला करने वाले एक प्रेमी जोड़े सहित चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर किया है। बता दें कि कानपुर में 1 फरवरी को श्रम विभाग के पोर्टल से हुए घोटाले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। जिसमें पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच पुलिस ने इस पूरी घटना को अंजाम देने वाले 6 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

अलग अलग जिलों से किया गिरफ्तार 
दरअसल दिनांक 1 फरवरी को अपर श्रमायुक्त कानपुर मंडल कल्पना श्रीवास्तव द्वारा लिखित तहरीर दी गई की थी। जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत अनुदान के फर्जी आवेदन किए। साइबर अपराधियों ने उनकी आईडी व अधिकारियों के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कर डीएलसी तथा एलसी की आईडी को स्कीप करते हुए लगभग कुल 196 अपात्र श्रमिकों के खाते में लगभग 1 करोड़ 7 लाख की धनराशि धोखाधड़ी कर ट्रांसफर कर ली थी। तहरीर के आधार पर साइबर पुलिस ने 4 टीमों का गठन किया था। जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपी उदित मिश्रा, नैन्सी ठाकुर, अंकित मिश्रा, मोहम्मद यासीन, ललित कश्यप, विनय दीक्षित को छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित गिरफ्तार कर लिया है।

डिजिटल सिग्नेचर से फ्रॉड को दिया था अंजाम 
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी उदित मिश्रा और उसकी प्रेमिका नैन्सी है, जिनकी दोस्ती हैकोतन प्लेटफार्म के जरिये हुयी थी। उदित श्रम विभाग के टेक्नीकल सलाहकार के रूप में मदद करता था और टेजरी आफिसर के डिजिटल सिग्नेचर से उसने इस फ्रॉड को अंजाम दिया था और पुलिस ने लगभग 64 लाख रुपये  की रकम को भी फ्रीज कर दिया था। डीसीपी ने यह भी बताया कि इस पूरी घटना में श्रम विभाग की लापरवाही सामने आयी है जिससे आरोपियों को घटना को अंजाम देने में सहारा मिला है। हालांकि उस मामले पर भी पुलिस जांच जारी है।

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