Kanpur Zoological Park : लखीमपुर खीरी से जख्मी हालात में लाए गए बाघ की मौत, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सेप्टीसीमिया से मौत का खुलासा

UPT | बाघ की मौत

Dec 07, 2024 20:05

लखीमपुर खीरी से कानपुर जू लाए गए बाघ की मौत की खबर दुर्भाग्यपूर्ण है। बताया जा रहा है कि बाघ की स्थिति पहले से ही गंभीर थी और उसे इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था। हालांकि, इलाज के दौरान उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

Short Highlights
  • लखीमपुर खीरी से इलाज के लिए कानपुर प्राणी उद्यान लाया गया था।
  • तीन दिन बाद ही उसकी मौत हो गई, तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम।
  • कानपुर जू में नवंबर महीने ने तीन वन्य जीवों की मौत हो चुकी है।
Kanpur News : यूपी के कानपुर प्राणी उद्यान में लखीमपुर खीरी से लाए गए बाघ की मौत हो गई। जू प्रशासन ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बाद बाघ का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार भी कर दिया। बाघ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसकी मौत सेप्टीसीमिया (रक्त में संक्रमण) से होना बताया गया है। लखीमपुर खीरी महेशपुर रेंज में नवंबर महीने में आदमखोर बाघ का आतंक था। इसने मन्नापुर गांव के दो किसानों पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था।
 
वन विभाग की टीम ने 23 नवंबर को घायल बाघ को पकड़ा था। बीते 26 नवंबर को लखीमपुर खीरी के वन विभाग के अधिकारी इलाज के लिए बाघ को चिड़ियाघर छोड़ गए थे। यहां पर उसे क्वॉरेंटाइन किया गया था। डॉ अनुराग अपनी टीम के साथ उसपर नजर बनाए हुए थे। बाघ ने तीन दिनों तक पांच किलो मीट खाया, लेकिन वह दिन पर दिन सुस्त होता जा रहा था।

तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम 
बीते 29 नवंबर को बाघ अपने बाड़े में मृत अवस्था में मिला था। तीन डॉक्टरों के पैनल डॉ अनुराग, डॉ नासिर और डॉ नितेश ने पोस्टमॉर्टम किया। जिसमें सेप्टीसीमिया से मौत होने का कारण बताया गया है। बाघ के शरीर में एक दर्जन से अधिक चोंटो के निशान थे। शरीर के कई हिस्सों में गहरे चोंटो के लिए थे। मृतक नर बाघ था, इसकी अनुमानित उम्र 10 वर्ष बताई गई है।

वन्य जीव ने किया था हमला 
चिड़ियाघर के निदेशक केके सिंह ने बताया कि बाघ को इलाज के लिए लाया गया था। वह गंभीर रूप से घायल था। वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। उसके शरीर के घावों को देखकर लग रहा था कि किसी जंगली जीव ने हमला कर घायल किया है। लखीमपुर वन विभाग को बाघ की मौत की सूचना देदी गई है। 

नवंबर महीने में तीन वन्य जीवों की मौत 
कानपुर प्राणी उद्यान के लिए नवंबर का महीना बड़ा ही दुखद रहा है। एक महीने में तीन वन्य जीवों की मौत हो चुकी है। जिसमें दो बाघ और तेंदुआ शामिल है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अनुराग सिंह ने बताया कि पीलीभीत से आए बाघ की स्थिति बेहद गंभीर थी। इस लिए उसे बचाया नहीं जा सका। वहीं, दो वन्य जीव औसत उम्र के पड़ाव को पार कर चुके थे।

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