मैनपुरी सीट पर क्या देवरानी-जेठानी होंगी आमने-सामने : नेताजी की विरासत पर दोनों बहुओं का दावा, विचारधारा की लड़ाई

UPT | अखिलेश यादव-डिंपल यादव

Mar 19, 2024 19:34

समाजवादी पार्टी के परिवारिक सदस्य जिस भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन सीटों पर बीजेपी की तीखी नजर है। मैनपुरी सीट से डिंपल के सामने अपर्णा यादव को उतारे पर मंथन किया जा रहा है। यदि बीजेपी अपर्णा को प्रत्याशी बनाती है, तो देवरानी-जेठानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।

Kanpur News: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को मात देने की रणनीति बनाने में जुटी हैं। यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। समाजवादी पार्टी मैनपुरी सीट को सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह की विरासत मानती है। मुलायम सिंह की विरासत पर दोनों बहुएं दावा ठोंक रही हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मैनपुरी सीट पर देवरानी-जेठानी आमने-सामने आ सकती हैं। मैनपुरी में इस बात की चर्चा कि बीजेपी अपर्णा यादव को मैनपुरी सीट से प्रत्याशी बना सकती है।

मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने वर्तमान सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, बीजेपी ने इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रहा है। चुनावी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मैनपुरी सीट से बीजेपी अपर्णा यादव को उतारने पर विचार कर रही है। यदि बीजेपी अपर्णा यादव को प्रत्याशी बनाती है, तो मैनपुरी लोकसभा सीट का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो जाएगा। देशभर की नजरें इस सीट पर होगी।

शिवपाल के हनुमान को बनाया था बीजेपी ने प्रत्याशी
सपा संरक्षक मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हुए थे। सपा ने मुलायम सिंह की विरासत को बचाने के लिए डिंपल यादव को उतारा था। वहीं, बीजेपी ने डिंपल के विरोध में सपा से पूर्व सांसद रह चुके रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा था। रधुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का हनुमान भी कहा जाता था। शिवपाल सिंह यादव जब सपा से अलग हुए, तो उन्होंने प्रसपा का गठन किया था। शिवपाल के साथ ही रघुराज शाक्य ने भी सपा छोड़कर प्रसपा ज्वाईंन कर ली थी। शिवपाल ने रघुराज शाक्य को कानपुर मंडल का प्रभारी बनाया था।

चुनाव की कमान शिवपाल ने संभाली थी
विधानसभा चुनाव 2022 में रघुराज शाक्य ने प्रसपा छोड़कर बीजेपी ज्वाईंन कर ली थी। इसके बाद बीजेपी ने रघुराज शाक्य को डिंपल के सामने उपचुनाव में उतार दिया था। उपचुनाव में डिंपल के चुनाव की कमान शिवपाल ने संभाली थी। शिवपाल को पता था कि कहां पर किस नेता और कार्यकर्ता को कहां सेट करना है। उन्होंने मैनपुरी में ऐसा दांव खेला था, जिसमें बीजेपी चारो खाने चित हो गई थी। इसके बाद शिवपाल ने मुलायम सिंह की समाधी में जाकर नमन किया था। मैनपुरी उपचुनाव जीतने के बाद शिवपाल ने प्रसपा का सपा में विलय कर दिया था।

डिंपल ने दिया करारा जवाब
डिंपल यादव का कहना है कि मैनपुरी नेता जी कर्मभूमि रही है। यहां की जनता का नेता जी के साथ परिवारिक रिश्ता रहा है। मैनपुरी भी परिवार है, सभी समाजवादी परिवार की तरह ही रहते हैं। मैनपुरी में बहुत अच्छा चुनाव होगा। फिर चाहे कोई भी आए, इससे फर्क नहीं पड़ता है।

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