आइसोफ्लेवोंस : सोया सप्लीमेंट लेने वाली कैंसर ग्रसित महिलाएं बरतें सावधानी, लोहिया संस्थान के अध्ययन में सामने आए ये तथ्य

UPT | खाद्य पदार्थों में पाया जाता है आइसोफ्लेवोंस

Nov 15, 2024 11:52

आइसोफ्लेवोंस एक प्रकार का पौधा-आधारित यौगिक है जो एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह कार्य करता है। यह पदार्थ सोयाबीन, मूंगफली, छोले, पिस्ता, और मेवों में पाया जाता है। महिलाओं में कैंसर के विकास में एस्ट्रोजन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

Lucknow News : महिलाओं के कैंसर पर सोया सप्लीमेंट के प्रभावों को लेकर एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों ने विभिन्न अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर पाया कि सोया सप्लीमेंट में मौजूद आइसोफ्लेवोंस कुछ मामलों में ट्यूमर को घटाता है, जबकि अन्य मामलों में यह ट्यूमर के विकास को बढ़ा सकता है।

आइसोफ्लेवोंस: प्रभाव और सावधानियां
आइसोफ्लेवोंस एक प्रकार का पौधा-आधारित यौगिक है जो एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह कार्य करता है। यह पदार्थ सोयाबीन, मूंगफली, छोले, पिस्ता, और मेवों में पाया जाता है। महिलाओं में कैंसर के विकास में एस्ट्रोजन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जिससे आइसोफ्लेवोंस के सेवन के प्रभाव पर अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।



कैंसर के विभिन्न प्रकारों पर प्रभाव
इस अध्ययन में स्तन, डिंबग्रंथि, और गर्भाशय कैंसर पर आइसोफ्लेवोंस के प्रभावों की जांच की गई। फाइटोथेरेपी रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन ने विभिन्न अध्ययनों के आधार पर बताया कि आइसोफ्लेवोंस ने कुछ मामलों में ट्यूमर को घटाया, जबकि कुछ अन्य मामलों में यह ट्यूमर की वृद्धि का कारण बना।

व्यापक मेटा-विश्लेषण का उपयोग
इस निष्कर्ष को प्राप्त करने के लिए वर्ष 1998 से 2024 के बीच किए गए 30 पशु-अध्ययनों का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में मेटा-विश्लेषण सॉफ्टवेयर (सीएमए) का उपयोग करके ट्यूमर पर आइसोफ्लेवोंस के प्रभावों की समीक्षा की गई। यह अध्ययन विशेष रूप से महिलाओं में आइसोफ्लेवोंस के उपयोग से संबंधित सावधानियों को बढ़ावा देता है।

सावधानी और आगे के शोध की जरूरत
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि महिलाओं को सोया सप्लीमेंट्स के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। इसके सेवन से जुड़ी सकारात्मक और नकारात्मक प्रतिक्रियाएं हर व्यक्ति में भिन्न हो सकती हैं, इसलिए व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह लेना जरूरी है। इस अध्ययन में डॉ. बंदना चक्रवर्ती, स्वाति राजपूत, अनुभव श्रीवास्तव, लोकेंद्र, रोहित एंथोनी सिन्हा, और नैबेद्य चट्टोपाध्याय जैसे विशेषज्ञों ने योगदान दिया।

आइसोफ्लेवोंस क्या है और इसके स्रोत
आइसोफ्लेवोंस एक प्रकार का प्राकृतिक यौगिक है जो मुख्यतः पौधों में पाया जाता है, विशेष रूप से सोयाबीन और अन्य फलियों में। इसे फाइटोएस्ट्रोजन के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह कार्य करता है। यह यौगिक स्वास्थ्य पर विभिन्न प्रभाव डालता है, विशेष रूप से महिलाओं के हार्मोन-संबंधित स्वास्थ्य पर। आइसोफ्लेवोंस मुख्य रूप से सोयाबीन, मूंगफली, छोले, और पिस्ता जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। इसके अलावा, यह फल और सूखे मेवे जैसे बादाम और अखरोट में भी मिलते हैं। आजकल आइसोफ्लेवोंस का उपयोग सप्लीमेंट्स के रूप में भी बढ़ गया है, जो स्वास्थ्य लाभ के लिए लोकप्रिय हो रहे हैं।

आइसोफ्लेवोंस और हार्मोनल प्रभाव
एस्ट्रोजेन जैसे गुण आइसोफ्लेवोंस में मौजूद एस्ट्रोजेन जैसी विशेषताएं इसे महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाती हैं। यह शरीर में हार्मोन की तरह काम करता है और महिला हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है। आइसोफ्लेवोंस के सेवन से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है या उसके प्रतिस्पर्धी के रूप में काम कर सकता है, जिससे यह महिला स्वास्थ्य पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव डाल सकता है।

कैंसर पर आइसोफ्लेवोंस का प्रभाव
कैंसर के प्रकारों पर मिश्रित परिणाम अध्ययन बताते हैं कि आइसोफ्लेवोंस का प्रभाव स्तन, डिंबग्रंथि, और गर्भाशय कैंसर जैसे हार्मोन-संवेदनशील कैंसरों पर विभिन्न हो सकता है। कुछ शोधों में पाया गया कि आइसोफ्लेवोंस ने ट्यूमर को घटाया, जबकि अन्य शोधों में देखा गया कि यह ट्यूमर के विकास को बढ़ावा दे सकता है। इस मिश्रित प्रभाव के कारण, इनका उपयोग सावधानीपूर्वक और चिकित्सकीय सलाह के साथ किया जाना चाहिए।
 

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