परिवार की खुशियां मातम में बदलीं : हरदोई में डॉक्टरों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, परिवार में मचा कोहराम

UPT | पीड़ित परिजन

Jan 09, 2025 11:22

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हो गई, जिससे परिवार में दुख और आक्रोश फैल गया। घटना के बाद अस्पताल का स्टाफ फरार हो गया और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Short Highlights
  • निजी अस्पताल की लापरवाही से जच्चा बच्चा की मौत के बाद मचा हड़कंप 
  • मृतक को रेफर कर निजी अस्पताल बंद कर स्टॉफ़ हुआ अस्पताल से फरार  
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में डॉक्टरों की लापरवाही और आशा बहू की अनदेखी ने एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। यहां एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई और अस्पताल स्टाफ ने किसी प्रकार की मदद देने के बजाय उन्हें दूसरे अस्पताल भेज दिया, जहां जच्चा-बच्चा दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद अस्पताल संचालक और स्टाफ ने ताला लगाकर फरार हो गए। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।

निजी अस्पताल की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत
हरदोई के सांडी थाना क्षेत्र के टेभनापुर गांव की निवासी जीनत (25) को आशा बहू द्वारा सर्कुलर रोड स्थित आदिति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। पीड़ित पति रेहान अली ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चा मृत पैदा हुआ और बाद में अस्पताल स्टाफ ने ऑक्सीजन की कमी का बहाना बनाकर उनकी पत्नी को बेहोश हालत में दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टरों ने जच्चा और बच्चे दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अस्पताल का स्टाफ फरार हो गया और अस्पताल में ताला लगाकर भाग गया। 

पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हरदोई के अपर पुलिस अधीक्षक नृपेंद्र सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि घटना की तहकीकात की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन
हरदोई जिले में निजी अस्पतालों का संचालन लगातार सवालों के घेरे में है। हर रोज इन अस्पतालों से जच्चा-बच्चा की मौत की खबरें सामने आती रहती हैं, जिनमें ज्यादातर मामलों में लापरवाही की पुष्टि होती है। सूत्रों के मुताबिक, आशा बहू अस्पताल में भर्ती कराकर अपने कमीशन के लालच में सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचा रही हैं। यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग में भी भ्रष्टाचार और मिलीभगत हो रही है।

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