Lucknow News : यूपी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस को हाईकोर्ट ने दी मंजूरी, नहीं लगा पाएंगे 'डॉक्टर' शब्द

UPT | इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस को हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

May 18, 2024 13:01

आयुर्वेदिक और एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह अब इलेक्ट्रो होम्योपैथी से जुड़े डॉक्टर भी केवल इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से ही इलाज कर सकेंगे। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस को मंजूरी दे दी है।

Lucknow News : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए प्रदेश में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस को मंजूरी दे दी है। अदालत ने कहा कि चूंकि राज्य में किसी भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, इसलिए इस संबंध में नियम बनने तक याचिकाकर्ताओं की इस चिकित्सा क्षेत्र की प्रैक्टिस में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त भी लगाई है कि प्रैक्टिशनर याचिकाकर्ता अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' शब्द नहीं जोड़ेंगे।

शासनादेशों को चुनौती दी गई थी
यह निर्णय न्यायमूर्ति विवेक चौधरी एवं न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने वर्ष 2009 में राजेश कुमार एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर पारित किया है। याचिका में 25 नवंबर 2003 के केंद्र सरकार के व 1 जून 2004 का राज्य सरकार के शासनादेशों को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का 5 मई 2010 का एक आदेश पेश किया गया जिसमें स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार का 25 नवंबर 2003 का सरकारी आदेश इलेक्ट्रो होम्योपैथी के शोध को प्रतिबंधित नहीं करता है और न ही इसकी प्रैक्टिस को बंद करने का कोई प्रस्ताव है।
 
राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई
इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने काउंट मैती एसोसिएशन से इलेक्ट्रो होम्योपैथी के अभ्यास का प्रमाण पत्र प्राप्त किया है, उक्त प्रमाण पत्र के साथ याचिकाकर्ता पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और केरल आदि राज्यों में अभ्यास कर सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि इस पद्धति के तहत प्रैक्टिस के लिए नियम बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है, अगर केंद्र नियम बनाएगा तो राज्य सरकार उसका पालन करेगी। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ताओं को अपने नाम में 'डॉक्टर' शब्द का इस्तेमाल न करने की शर्त पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस करने की इजाजत दे दी।

क्या है इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में पेड़-पौधों और वनस्पतियों के अर्क से रोगों का इलाज किया जाता है। गैर विषैले पौधों से औषधियां बनाई जाती हैं। इस पद्धति से चिकित्सा करने में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस पद्धति में आंखों को देखकर ही मर्ज पता किया जाता है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की खोज इटली के डाक्टर काउंट सीजर मैटी ने 1865 में की थी। डॉ. मैटी सेना में उच्च अधिकारी थे। एक बार उन्होंने देखा कि उनका कुत्ता एक विशेष प्रकार के पौधे पर लोट रहा था। ऐसा कई बार हुआ क्योंकि वह चर्म रोग से पीड़ित था और उसके लोटते ही कुत्ते का चर्म रोग ठीक हो जाता था। और इसके बाद डॉ.काउंट सीजर मैटी ने वनस्पतियों पर खोज प्रारंभ कर दी।

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