यूपी के इन जिलों में आवासीय योजनाओं की शुरुआत : 7000 प्लॉट होंगे उपलब्ध, बजट भी पास

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Dec 30, 2024 01:15

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अब राज्य के छोटे शहरों में भी आवासीय योजनाओं को लॉन्च करेगा। इसके तहत, तीन जिलों में पहले चरण के तहत करीब 7000 प्लॉट्स की आवासीय योजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिससे लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

Short Highlights
  • करीब 7000 प्लॉट्स की आवासीय योजनाएं शुरू
  • स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
  • भूमि अर्जन के बाद बजट का आकलन
Lucknow News : उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अब राज्य के छोटे शहरों में भी आवासीय योजनाओं को लॉन्च करेगा। इसके तहत, तीन जिलों में पहले चरण के तहत करीब 7000 प्लॉट्स की आवासीय योजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिससे लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इसके साथ ही, इन योजनाओं के लिए भूमि अर्जन के लिए करोड़ों रुपये का बजट भी स्वीकृत किया गया है। इस पहल से प्रदेश के छोटे शहरों में बढ़ती आवासीय जरूरतें पूरी हो सकेंगी, साथ ही स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

छोटे शहरों में आवासीय योजनाओं का विस्तार
उत्तर प्रदेश में बेहतर परिवहन सुविधाओं और बढ़ते रोजगार के कारण अब छोटे शहरों में लोगों का पलायन कम हुआ है और वे यहां रहने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसी बढ़ती आवासीय जरूरत को ध्यान में रखते हुए, आवास विकास परिषद अब छोटे जिलों में कॉलोनियां विकसित करने जा रही है। पहले चरण में, पूर्वांचल के महत्वपूर्ण जिलों प्रतापगढ़, मऊ और गाजीपुर से आवासीय योजनाओं की शुरुआत की जा रही है, ताकि इन जिलों में बढ़ते आवासीय दबाव को सही तरीके से पूरा किया जा सके और अवैध कॉलोनियों के विस्तार पर भी काबू पाया जा सके।


7000 प्लॉट्स का विकास
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अब छोटे शहरों में भी आवासीय योजनाओं को लागू करेगा। गाजीपुर, प्रतापगढ़ और मऊ में इन योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिनमें कुल मिलाकर 7000 से अधिक प्लॉट्स विकसित किए जाएंगे। गाजीपुर में 65 हेक्टेयर भूमि पर 1400 प्लॉट्स का विकास किया जाएगा, जबकि प्रतापगढ़ में 2200 भूखंडों के लिए 131.61 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। मऊ में सबसे अधिक 3400 प्लॉट्स विकसित किए जाएंगे, जिसके लिए 200 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा। इन योजनाओं पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे छोटे शहरों में आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

भूमि अर्जन के बाद बजट का आकलन
अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने बताया कि गाजीपुर, प्रतापगढ़ और मऊ में आवासीय योजनाओं के तहत प्रस्तावित भूखंडों के दाम अभी तय नहीं किए गए हैं। भूमि अर्जन के बाद योजना के कुल बजट का आकलन किया जाएगा, जिसके बाद प्लॉट के रेट तय किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अगले ढाई से 3 साल के भीतर इन योजनाओं में कब्जे दिए जा सकेंगे, जिससे छोटे जिलों में लोगों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

यहां बसेंगी योजनाएं
मऊ, गाजीपुर और प्रतापगढ़ जिलों में आवासीय योजनाओं का विकास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के आसपास किया जाएगा। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे इन तीनों जिलों से गुजरता है, इसलिए इन योजनाओं से बड़े शहरों के लिए आवागमन भी सुविधाजनक हो जाएगा। इस रणनीतिक स्थान पर आवासीय परियोजनाओं के विकास से इन क्षेत्रों में न केवल रहने की सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

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