पदाधिकारियों ने कहा कि इस निर्णय से दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंता कार्मिकों का जहां बड़े पैमाने पर नुकसान होगा, वहीं स्वीकृत पद के आधार पर लगभग 16000 पदों का आरक्षण समाप्त हो जाएगा। इसे लेकर पावर ऑफिसर एसोसिएशन लंबे समय से अपना संवैधानिक आंदोलन चला रही है।