Lucknow News : माता-पिता समेत परिवार के छह लोगों के हत्यारे बेटे-बहू को फांसी की सजा, जानें वारदात की वजह

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Jan 17, 2025 19:25

हत्या के बाद अजय सिंह और उसका बेटा अवनीश खुद बंथरा थाने पहुंच गए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को सिलसिलेवार तरीके से वारदात की पूरी कहानी सुनाई। इसके बाद पुलिस ने अजय की पत्नी रूपा को भी कानपुर रोड स्थित एक ढाबे से गिरफ्तार किया।

Lucknow News : शहर के बंथरा के ग्राम गोदौली में वर्ष 2020 में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी पुत्र और उसकी पत्नी को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपी अजय सिंह एवं उसकी पत्नी रूपा सिंह को आयुर्वेद घोटाला के विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह पहले दोषी करार चुके थे। अब सजा का एलान​ किया गया है। अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर के अंतर्गत माना और फांसी की सजा सुनाई।

संपत्ति विवाद बना नरसंहार की वजह
प्रकरण के अनुसार अमर सिंह के परिवार में लंबे समय से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। अमर सिंह अपने छोटे बेटे अरुण और परिवार के साथ रहते थे, जबकि बड़ा बेटा अजय अलग रहता था। अजय को यह मंजूर नहीं था कि उसके पिता संपत्ति का हिस्सा छोटे बेटे और उसकी पत्नी को मिले। इसी गुस्से और संपत्ति के लालच में अजय ने अपने बेटे अवनीश और पत्नी रूपा के साथ मिलकर खतरनाक साजिश रच डाली।



खेत पर जाकर सबसे पहले की पिता की हत्या
30 अप्रैल 2020 की शाम, अमर सिंह उन्नाव बॉर्डर के पास अपने खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अजय और उसका बेटा अवनीश वहां पहुंचे और बांके से अमर सिंह की फरसे से वारकर हत्या कर दी। इसके बाद खेत से लौटते समय छोटे भाई अरुण, उसकी पत्नी रामसखी और उनके बच्चों सौरभ और सारिका को भी बेरहमी से मार डाला। हत्या की यह भयावह घटना यहीं नहीं रुकी। अजय ने घर पहुंचकर अपनी मां रामदुलारी की भी हत्या कर दी। इस तरह एक ही दिन में परिवार के छह सदस्यों की हत्या कर दी गई।

बेटे के नाबालिग होने के कारण मामला जुवेनाइल कोर्ट में
हत्या के बाद अजय सिंह और उसका बेटा अवनीश खुद बंथरा थाने पहुंच गए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को सिलसिलेवार तरीके से वारदात की पूरी कहानी सुनाई। इसके बाद पुलिस ने अजय की पत्नी रूपा को भी कानपुर रोड स्थित एक ढाबे से गिरफ्तार किया। विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने इस मामले को दुर्लभतम अपराध करार देते हुए कहा कि समाज में ऐसा जघन्य कृत्य माफी योग्य नहीं है। कोर्ट ने अजय और रूपा को फांसी की सजा सुनाई। विवेचना के दौरान तीसरे आरोपी अवनीश को नाबालिग पाते हुए उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया।

संपत्ति विवाद को लेकर 20 साल पुरानी कड़वाहट
प्रकरण में पुलिस की विवेचना के दौरान सामने आया कि अमर सिंह ने लगभग 20 साल पहले अजय को परिवार से अलग कर दिया था। लेकिन, प्रॉपर्टी बेचने और छोटे बेटे अरुण को रुपये देने की बात से अजय खफा था। उसने अपने पिता और भाई से हिस्सा मांगा, लेकिन विवाद गहराता चला गया। अजय की अपने पिता से ​संपत्ति विवाद को लेकर मारपीट भी हो चुकी थी। इसे लेकर एक मुकदमा उन्नाव के हसनगंज थाने में पहले से दर्ज था। संपत्ति विवाद ने पूरे परिवार को खत्म करने की वजह बन गई। पुलिस ने बताया कि अजय ने अपने बेटे और पत्नी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। इस घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया था। राजधानी में छह लोगों की निर्मम हत्या को लेकर काफी चर्चा हुई थी।

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