KGMU : खुदकुशी की कोशिश करने वाली डॉक्टर को आया होश, पिता भी घटना से सकते में, बोले- किसी से नहीं शिकायत

UPT | आत्महत्या का प्रयास करने वाली केजीएमयू की डॉक्टर की सेहत में सुधार

Jan 17, 2025 16:07

पिता ने कहा कि वर्ष 2018 से प्रकृति केजीएमयू में पढ़ाई कर रही है। वह यहां बेहद खुश थी। परिवार से अच्छे तरीके से बातचीत करती थी। उसकी जिंदगी में सब सामान्य था। ऐसे में अचानक इस घटना को लेकर सभी को हैरानी है। परिवार के सदस्य अभी तक इसकी वजह नहीं जान सके हैं।

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में रेजिडेंट हॉस्टल से कूदकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली एमडी मेडिसिन पीजी फर्स्ट ईयर की छात्रा डॉ. प्रकृति को होश आ गया है। बेटी के ठीक होने की खबर से परिवार को थोड़ी राहत मिली है। ट्रॉमा सेंटर में मौजूद डॉ. प्रकृति के पिता अशोक वासवानी भगवान से लगातार बेटी के ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैंं। उन्होंने प्रकरण को लेकर किसी भी प्रकार के आरोपों से इनकार किया है। पिता का कहना है कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। चिकित्सक लगातार बेटी के इलाज में जुटे हैं। सभी का सहयोग मिला है। हम सिर्फ अपनी बेटी को ठीक देखना चाहते हैं।

बेटी के इतना बड़ा कदम उठाने से परिवार भी हैरान
पिता ने कहा कि वर्ष 2018 से प्रकृति केजीएमयू में पढ़ाई कर रही है। वह यहां बेहद खुश थी। परिवार से अच्छे तरीके से बातचीत करती थी। उसकी जिंदगी में सब सामान्य था। ऐसे में अचानक इस घटना को लेकर सभी को हैरानी है। परिवार के सदस्य अभी तक इसकी वजह नहीं जान सके हैं। अब बेटी की हालत स्थिर होने पर हमें राहत मिली है। पिता अशोक वासवानी ने इसके लिए केजीएमयू के चिकित्सकों का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की मेहनत और समर्पण की बदौलत ही उनकी बेटी अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी बेटी को देखने आ चुके हैं और उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।



सर्जरी के बाद आईसीयू से प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट की तैयारी
इस बीच केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि बुधवार को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहते हुए मेडिकल छात्रा की सर्जरी की गई थी। इसके अगले दिन गुरुवार को वेंटिलेटर हटाया गया। अब छात्रा होश में है और इशारों से ठीक होने की बात कह रही है। सेहत में इसी तरह सुधार होने पर उसे दो-तीन दिन में प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। डॉ. प्रकृति का इलाज क्रिटिकल केयर मेडिसिन (CCM) के विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में चल रहा है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर उसे हर संभव चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। परिजन भी आईसीयू में उसके साथ मौजूद हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस : एसओपी तैयार करने के निर्देश
इस घटना के मद्देनजर डिप्टी सीएम ने हॉस्टल के वार्डन को विद्यार्थियों के लगातार संपर्क में रहने को कहा है। साथ साथ ही समय-समय पर काउंसलिंग पर जोर दिया गया है, जिससे अगर किसी विद्यार्थी को कोई समस्य हो तो वह खुलकर कह सके और समय रहते उसकी मदद की जा सके। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद को भी विद्यार्थियों से लगातार संपर्क में रहने और समस्या को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए हैं। वहीं घटना के बाद केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों और छात्र-छात्राओं की मानसिक सेहत को ध्यान में रखते हुए कुलपति ने एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार करने का निर्देश दिया है। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल निश्छल की देखरेख में छात्रों की काउंसलिंग की योजना बनाई गई है। कुलपति ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की बात कही है।
 

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