गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रुंगटा ने बताया कि नई मशीन पित्त की नली में मौजूद बड़ी पथरी को भीतर ही तोड़ने और बाहर निकालने में सक्षम है। इस प्रक्रिया में केवल एक घंटे का समय लगेगा। मरीज को बेहोशी दी जाएगी, जिससे इलाज के दौरान कोई दर्द महसूस नहीं होगा।