Lucknow News : कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले बिल्कुल भी न घबराएं, KGMU के न्यूरोलॉजी विभाग ने किया अध्ययन

सोशल मीडिया | सांकेतिक तस्वीर

May 04, 2024 15:18

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को आप घबराने की जरूरत नहीं है केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग में अध्ययन में पाया 2 साल बाद नहीं रह जाता कोई दुषप्रभाव...

Lucknow : लगातार कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां सोशल मीडिया द्वारा फैल रही है जिन पर लखनऊ केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने अपनी रिसर्च एनालिसिस से लगाए फुलस्टॉप। देशभर के शोध पत्रों का अध्ययन न्यूरोलॉजी विभाग में किया गया जिसमें पाया गया कि 2 साल बाद नकारात्मक प्रभाव की आशंका न के बराबर है।

क्या है एनालिसिस- लखनऊ के केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा देशभर में कोविशील्ड लगने के बाद जारी किए गए रिसर्च पेपर का एनालिसिस किया गया जिसमें पाया गया कि जून 2022 तक देश भर में 1 अरब 97 करोड़ 34 लाख 8500 कोविड वैक्सीन डोज लोगों को लगे हैं जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन के डोज़ लेने वालों की संख्या अधिक है। रिसर्च एनालिसिस में पाया गया कि शुरुआती दौर में जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन लगी थी उनमें  कुल 136 मरीजों में समस्याएं पाई गई वहीं 10 मरीजों के ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत भी मिली वही वैक्सीनेशन के बाद हर्पीज़ के 31 मामले सामने आए थे। जिस दौरान जांच करने पर पाया गया था कि कोविशील्ड वैक्सीन लगाने वाले लोगों में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन के साथ-साथ फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी पाया गया। डिसऑर्डर के सबसे ज्यादा मामले वैक्सीन लगवाने के 2 सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल और दिल्ली में सामने आए थे। वहीं इन रिसर्च को एनालिसिस करने के बाद पाया गया कि लगभग 2 साल बाद वैक्सीनेशन से होने वाले दुष्प्रभाव न के बराबर ही रह जाते हैं इसीलिए जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है उन्हें घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।

VITTS की समस्या आरही थी सामने- बताते चलें साल 2021 में हुई रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई थी उनमें वैक्सीन इंड्यूस्ड इम्यून थ्रांबोसिस थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के लक्षण पाए गए थे जिसमें इंसान के शरीर में खून के थक्के जमुना और रेड ब्लड सेल्स की कमी के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी पाया गया था वहीं लखनऊ के केजीएमयू के न्यूरोलॉजिकल विभाग में हुई रिसर्च एनालिसिस में सामने आया है कि वैक्सीनेशन के 2 साल बाद दुष्प्रभाव लगभग पूरी तरह से खत्म हो गए हैं।

डॉक्टर बोले घबराएं नहीं- केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉक्टर आरके गर्ग ने बताया कि उनकी टीम द्वारा देश भर में किए गए रिसर्च का अध्ययन किया गया है जिसमें पाया गया कि शुरुआती दौर में लोगों को समस्याएं हो रही थी लेकिन अब वैक्सीन के प्रभाव की वजह से हार्ट अटैक, ब्लड क्लॉटिंग, दिल का दौरा पड़ना या न्यूरो संबंधित बीमारियों की आशंकाएं न के बराबर है। न्यूरोलॉजी विभाग के HOD डॉ आरके गर्ग समेत डॉ हरदीप सिंह मल्होत्रा, डॉ इमरान रिजवी और डॉक्टर बालेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा यह रिसर्च एनालिसिस किया गया है।

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