रात 12:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक चले इस अभियान में 8 बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासन ने खुद ड्रोन के जरिए निगरानी की और पूरी घटना का वीडियो शूट करवाया। ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में सुरक्षा कारणों से केवल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद थे।