अखिलेश के बयान पर ओपी राजभर का पलटवार : सीएम आवास में शिवलिंग पर कहा-सपा प्रमुख ने खुद क्यों नहीं करवाई खुदाई

UPT | ओपी राजभर

Dec 30, 2024 13:00

यूपी मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग होने का दावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया है, जिससे सियासत गरमा गई है। लखनऊ स्थित सीएम आवास में जारी खुदाई के संदर्भ में अखिलेश यादव...

Lucknow News : यूपी मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग होने का दावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया है, जिससे सियासत गरमा गई है। लखनऊ स्थित सीएम आवास में जारी खुदाई के संदर्भ में अखिलेश यादव ने कहा कि चूंकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में खुदाई का काम चल रहा है, इसलिए उन्हें विश्वास है कि सीएम आवास में भी शिवलिंग है। उनका सुझाव था कि इस स्थान की भी खुदाई होनी चाहिए, जिसमें मीडिया को पहले जाने का आग्रह किया गया।



यह बोले-ओपी राजभर
अखिलेश के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी सरकार के मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि यह बयान सिर्फ वोट बैंक की खातिर दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि अखिलेश को यह जानकारी पहले से थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए खुदाई क्यों नहीं करवाई? राजभर ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी केवल मुस्लिम वोटों पर निर्भर है और केवल बयानबाजी करती है, जबकि भाजपा बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है।

सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने भी दिय बयान
इसके अलावा सपा के विधायक रविदास मेहरोत्रा ​​ने भी इस मामले में अपनी बात रखी। उन्होंने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री आवास के नीचे एक शिवलिंग है और इस कारण वहां खुदाई की जानी चाहिए। मेहरोत्रा ​​ने यह भी टिप्पणी की कि, "अगर बीजेपी मस्जिदों के नीचे मंदिरों की खोज कर रही है तो मुख्यमंत्री आवास की भी खुदाई होनी चाहिए। उनके इस बयान ने सियासी गर्मी को और बढ़ा दिया और यह मुद्दा अब राज्य के राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस का कारण बन गया है।

संभल में हो रही है खुदाई
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर मंदिरों और बावड़ियों की खुदाई की जा रही है। खासकर संभल में जहां पुरानी धार्मिक संरचनाओं की खोज हो रही है। अखिलेश के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि अगर समाजवादी पार्टी को इतना विश्वास था कि सीएम आवास में शिवलिंग है, तो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया? यह मुद्दा अब सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इससे दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तीखी नोकझोंक हो रही है।

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