महाकुंभ 2025 : आस्था के साथ अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई ऊंचाई, 40 करोड़ श्रद्धालु और 2 लाख करोड़ का रेवेन्यू

UPT | महाकुंभ 2025

Jan 09, 2025 11:07

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 के महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया था। इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिससे राज्य को लगभग 2 लाख करोड़...

Lucknow News : महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे उत्तर प्रदेश और देश के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है। बुधवार को एक प्रमुख मीडिया समूह द्वारा आयोजित 'Divine Uttar Pradesh: The Must Visit Sacred Journey' सम्मेलन में सीएम योगी ने महाकुंभ से होने वाले संभावित आर्थिक प्रभाव, श्रद्धालुओं की संख्या और आयोजन की भव्यता पर विस्तार से बात की।

आस्था से आर्थिक विकास की ओर
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 के महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया था। इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिससे राज्य को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की संभावना है। उन्होंने कहा, "महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास का भी एक बड़ा जरिया है।"

वाराणसी और अयोध्या में भक्तों का सैलाब
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी से सितंबर 2024 तक वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में 16 करोड़ से अधिक और अयोध्या में 13.55 करोड़ श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है।

महाकुंभ की वैश्विक महत्ता
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का प्रतीक बताते हुए इसे वैश्विक स्तर पर प्रमुखता प्रदान करने वाला आयोजन कहा। उन्होंने कहा, “महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन केवल धार्मिक समागम नहीं है, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है।” मुख्यमंत्री ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बताया। जहां एक समय में 50 लाख से 1 करोड़ श्रद्धालुओं के रहने की क्षमता होगी। उन्होंने इसे एक "भव्य, दिव्य और डिजिटल रूप से उन्नत समागम" करार दिया। जहां आस्था और आधुनिकता का अनूठा संगम होगा।

तैयारियां जोरों पर
महाकुंभ को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने तैयारियों को तेज कर दिया है। संगम क्षेत्र के 12 किलोमीटर के इलाके में स्नान घाटों का निर्माण जारी है। हर घाट पर महिलाओं के लिए अलग चेंजिंग रूम बनाए जा रहे हैं और प्रतीक चिह्न जैसे डमरू और त्रिशूल लगाकर श्रद्धालुओं के लिए घाटों की पहचान आसान की जा रही है। सफाई और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार घाटों पर सीढ़ियां बोरों में भरे भूसे, पीतल और मिट्टी की सहायता से बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जा रहा है।

विशेष सुरक्षा उपाय
महाकुंभ में भारी भीड़ को देखते हुए संगम क्षेत्र में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। वॉच टावर लगाए जा रहे हैं और पानी के किनारों पर बैरिकेडिंग की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए व्यापक निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है।

पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें “पूज्य संतों” के मार्गदर्शन में महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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