मिशन कर्मयोगी : यूपी में 94 हजार सरकारी कर्मचारी आईजीओटी पोर्टल से जुड़े, इनका प्रशिक्षण पूरा

UPT | इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग

Sep 19, 2024 17:51

यूपी में इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) पोर्टल पर प्रदेश से अब तक 94 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से 45 हजार से अधिक कर्मचारियों ने इस पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया है, जबकि लगभग 29 हजार कर्मचारियों ने अपने कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

Lucknow News : सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की दक्षता में सुधार लाने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुरू किया गया "मिशन कर्मयोगी" कार्यक्रम अब उत्तर प्रदेश में तेजी से प्रगति कर रहा है।सरकार के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे वे अपनी कार्यकुशलता में वृद्धि कर सकें और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार ला सकें।

94 हजार से अधिक कर्मचारी जुड़े
मिशन कर्मयोगी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्थापित इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) पोर्टल पर प्रदेश से अब तक 94 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से 45 हजार से अधिक कर्मचारियों ने इस पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया है, जबकि लगभग 29 हजार कर्मचारियों ने अपने कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। प्रदेश के कर्मचारी इस कार्यक्रम को लेकर कितने जागरूक और उत्साही हैं। विशेष रूप से इन कर्मचारियों में लगभग 6 हजार अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा किया है। यह कदम राज्य की प्रशासनिक दक्षता को और अधिक सशक्त बनाएगा, जिससे सरकारी कार्यों की गति और गुणवत्ता में सुधार होगा।



मिशन कर्मयोगी को मिली थी मंजूरी
दो सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने "मिशन कर्मयोगी" कार्यक्रम को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सिविल सेवकों को आधुनिक प्रशासनिक जरूरतों और चुनौतियों के अनुसार प्रशिक्षित करना और उन्हें कुशल बनाना है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी कर्मचारियों की पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यकुशलता को बढ़ाना है, ताकि वे समाज और देश की आर्थिक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।

कर्मचारियों का प्रशिक्षण
मिशन कर्मयोगी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में "कर्मचारी से कर्मयोगी" अभियान चलाया है। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया, जिनका उद्देश्य कर्मचारियों को नई प्रशासनिक तकनीकों और कौशलों से परिचित कराना है। इन वर्कशॉप्स में कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में दक्षता हासिल कर सकें।

कार्यशालाओं का आयोजन 
प्रदेश के उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (यूपीएएएम) ने हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें मिशन कर्मयोगी में राज्य की भागीदारी और प्रगति की जानकारी साझा की गई। यूपीएएएम के महानिदेशक वेंकटेश्वर लू और अपर निदेशक सुनील कुमार चौधरी ने इस प्रस्तुति को प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के दौरान बताया गया कि प्रदेश के 43 विभागीय नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं, जो विभिन्न विभागों में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदेश में 14 प्रशिक्षण संस्थानों में "कर्मचारी से कर्मयोगी" प्रशिक्षण दिया गया है, जबकि 10 जिलों में फील्ड विजिट्स के माध्यम से वर्कशॉप्स आयोजित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, अब तक 8 विभागों में वर्कशॉप्स का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है।

यूपीएएएम की अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश में मिशन कर्मयोगी के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (यूपीएएएम) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यूपीएएएम की जिम्मेदारियों में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों और एमडीओ (MDO) को नामित करना शामिल है। इसके साथ ही, प्रत्येक नोडल अधिकारी और एमडीओ को आईजीओटी पोर्टल पर शामिल किया जाता है, ताकि वे अपने विभाग के कर्मचारियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ सकें। यूपीएएएम की एक और प्रमुख जिम्मेदारी है प्रत्येक विभाग में मासिक बैठक आयोजित करना, ताकि कर्मचारियों की प्रगति की समीक्षा की जा सके और विभिन्न विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर कर्मचारियों और पाठ्यक्रम सामग्री की निगरानी की जा सके।

मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य
मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। इस मिशन के तहत कर्मचारियों को निरंतर शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे नई तकनीकों, नेतृत्व कौशल और प्रशासनिक सुधारों से परिचित हो सकें। मिशन कर्मयोगी के तहत कर्मचारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर विकास पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक प्रभावी तरीके से निभा सकें। आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, जो उनकी योग्यता और कौशल को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।

कर्मचारियों की बढ़ेगी कार्यकुशलता  
"मिशन कर्मयोगी" उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की दक्षता और कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के कर्मचारी नई तकनीकों और प्रशासनिक सुधारों से सशक्त हो रहे हैं, जिससे राज्य की सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है, और यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में यह पहल प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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