UP Health : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 125 टीबी मरीजों को लेंगे गोद, दी जाएगी नि:क्षय पोटली

UPT | TB patients

Sep 19, 2024 16:50

प्रदेश के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि इसे सामुदायिक स्तर पर जनांदोलन बनाना भी है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित 125 मरीजों की मदद के लिए एक अनूठी पहल की है। इस अभियान की प्रेरणा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी है। इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बनने के लिए शनिवार को एसजीपीजीआई में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जहां स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में इन मरीजों को मदद दी जाएगी। इस दौरान अधिकारियों द्वारा मरीजों को नि:क्षय पोटली वितरित की जाएगी, जो उनके इलाज और पोषण में सहायक होगी।

टीबी से मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर
प्रदेश के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि इसे सामुदायिक स्तर पर जनांदोलन बनाना भी है। उन्होंने बताया कि टीबी से मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता और सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे टीबी के मरीजों को व्यापक सहायता मिल सके।



निक्षय पोषण योजना और नि:क्षय मित्र की सफलता
प्रमुख सचिव ने बताया कि टीबी के मरीजों की मदद के लिए चल रही योजनाएं जैसे कि निक्षय पोषण योजना और नि:क्षय मित्र काफी सफल रही हैं। इस योजना के तहत मरीजों को हर माह 500 रुपए की पोषण सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है, जिससे उनके इलाज और स्वास्थ्य में सुधार हो सके। इसके अलावा प्रदेश में 39,151 निक्षय मित्र भी इस अभियान का हिस्सा बने हुए हैं, जो 3,30,985 टीबी मरीजों की सहायता कर रहे हैं।

टीबी उन्मूलन के लिए जनांदोलन की जरूरत
पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आम जनता से अपील की कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को इसमें शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को खत्म करने के लिए लोगों को अपने कार्यस्थलों और समुदायों में जागरूकता फैलाने के प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही, टीबी मरीजों की हर संभव सहायता भी की जानी चाहिए ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें। यदि सभी लोग मिलकर सामूहिक प्रयास करेंगे, तो उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य अवश्य हासिल किया जा सकेगा।

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