पल्लवी पटेल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि प्राविधिक शिक्षा के छात्रों और शिक्षकों के हितों के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार न केवल विभाग की छवि खराब करता है, बल्कि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।