यूपी में पान मसाला उत्पादन ठप : ई वे बिल स्कैनिंग अनिवार्य, हर फैक्टरी के बाहर बॉडीवॉर्न कैमरे के साथ 24 घंटे टीमें तैनात

UPT | पान मसाला ब्रांड

Nov 27, 2024 10:34

प्रत्येक पान मसाला ब्रांड की फैक्टरी के बाहर ई-वे बिल स्कैनिंग अनिवार्य की गई है। टीमें बॉडीवॉर्न कैमरा पहनकर काम कर रही हैं ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और अनुशासित बनी रहे। आदेश में साफ कहा गया है कि किसी भी स्थिति में वाहन बिना ई-वे बिल स्कैनिंग के नहीं निकल सकता।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में पान मसाला उद्योग पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। लखनऊ, कानपुर और अन्य जिलों में स्थित पान मसाला उत्पादन इकाइयों के बाहर चौबीस घंटे निगरानी के लिए टीमों की तैनाती की गई है। प्रमुख सचिव एम. देवराज के आदेश के अनुसार, इन टीमों को शिफ्टवार ड्यूटी निभानी है। अकेले लखनऊ और कानपुर में 54 टीमें तैनात की गई हैं। यह आदेश पान मसाले की टैक्स चोरी रोकने और नकली उत्पादों की बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

ई-वे बिल स्कैनिंग की सख्ती
प्रत्येक पान मसाला ब्रांड की फैक्टरी के बाहर ई-वे बिल स्कैनिंग अनिवार्य की गई है। टीमें बॉडीवॉर्न कैमरा पहनकर काम कर रही हैं ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और अनुशासित बनी रहे। आदेश में साफ कहा गया है कि किसी भी स्थिति में वाहन बिना ई-वे बिल स्कैनिंग के नहीं निकल सकता। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। फिलहाल 30 नवबंर तक इस रोस्टर को लागू किया गया है। 



पान मसाला उद्योग पर बंदी के आसार
इस सख्ती का सीधा असर पान मसाला उत्पादन पर पड़ा है। प्रमुख ब्रांड जैसे पुकार, शिमला, गोमती, कमला पसंद, शिखर, तिरंगा और सिग्नेचर अब उत्पादन बंद करने की कगार पर हैं। कई उद्यमी राज्य से बाहर राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और गुड़गांव में इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।

नकली उत्पादों की बाढ़ और टैक्स चोरी
शासन की इस सख्ती के कारण नकली पान मसाला उत्पादों की मात्रा में तीन गुना तक बढ़ोतरी हुई है। नकली उत्पादों से न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि यह ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। चूंकि नकली उत्पादों से टैक्स वसूलना संभव नहीं है, अधिकारियों की प्राथमिकता केवल वैध इकाइयों तक सीमित रह गई है।

सेंट्रल और राज्य जीएसटी में असंतुलन
पान मसाले पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 60 प्रतिशत सेस लगाया जाता है। सेस का पूरा हिस्सा केंद्रीय जीएसटी को जाता है। राज्य कर विभाग की जांच और उत्पादन ठप होने के कारण केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। टैक्स वसूली में आ रही रुकावटों ने राजस्व घाटे की स्थिति पैदा कर दी है।

बेवजह नहीं रोकी जाए माल की आवाजाही
सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि व्यापारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। किसी भी माल की आवाजाही को अनावश्यक रूप से न रोका जाए। यह सुनिश्चित किया गया है कि गलत व्यवहार के मामलों में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

फैक्टरियों की निगरानी से जुड़े प्रमुख शहर
प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, गाजियाबाद, बहराइच, और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों में पान मसाला इकाइयां हैं। सभी स्थानों पर निगरानी के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
 

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