महाकुंभ 2025 : मेले में खोने का डर मिटाएगी सरकार, योगी की तकनीकी पहल आएगी काम

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Oct 16, 2024 14:36

भारतीय सिनेमा में कुंभ मेला अक्सर बिछड़ने के दृश्यों का प्रमुख हिस्सा रहा है। फिल्मी कहानियों में भाई-भाई, मां-बेटा या प्रेमी-प्रेमिका आदि भीड़ में बिछड़ने की घटनाएं दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ती हैं...

Lucknow News : भारतीय सिनेमा में कुंभ मेला अक्सर बिछड़ने के दृश्यों का प्रमुख हिस्सा रहा है। फिल्मी कहानियों में भाई-भाई, मां-बेटा या प्रेमी-प्रेमिका आदि भीड़ में बिछड़ने की घटनाएं दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ती हैं। लेकिन अब योगी सरकार ने इस धारणा को बदलने की पूरी तैयारी कर ली है। आगामी कुंभ मेले में तकनीकी पहल के माध्यम से हर तीर्थयात्री की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इससे कोई भी इस महाकुंभ में अपनों से नहीं बिछड़ेगा।

तकनीक का अद्भुत संगम
प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग ने मिलकर कुंभ मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए एक उन्नत खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली स्थापित की है। यह नई पहल सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम है, जो महाकुंभ मेले को सुरक्षित और सुखद बनाएगी। योगी सरकार की इस पहल के तहत, कुंभ मेले में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों को अब खोने का डर नहीं रहेगा। यदि कोई व्यक्ति भीड़ में खो जाता है, तो उसे जल्दी ही उसके परिवार से मिलाने का काम किया जाएगा। खोया-पाया केंद्र में प्रत्येक खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण होगा, जिससे उनके परिजन आसानी से उन्हें खोज सकेंगे। इसके अलावा, लापता व्यक्तियों की जानकारी केंद्रों पर उद्घोषित की जाएगी।



सोशल मीडिया का लिया जाएगा सहारा
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं, जो तकनीक का उपयोग करते हुए खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने में मदद करेंगे। इन केंद्रों में खोए हुए व्यक्तियों का तुरंत पंजीकरण होगा, और उनकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स पर दी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति कुंभ मेले में खो जाता है और 12 घंटे के भीतर वह अपने परिजनों से नहीं मिल पाता है तो पुलिस हस्तक्षेप करेगी और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएगी। 

महिला बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
योगी सरकार की नई पहल में विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला का दावा करने पर उनकी पहचान की पुष्टि करनी होगी। संदेह की स्थिति में पुलिस को तुरंत सूचित किया जाएगा। ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कुंभ मेले में तकनीक की मदद से एक नई कहानी लिखी जा रही है। यह केवल बिछड़ने और मिलन की पुरानी धारणा को बदलने का कार्य नहीं करेगा, बल्कि एक सुरक्षित, संगठित और जिम्मेदार प्रणाली की नींव भी रखेगा। 

अब फिल्मों में नहीं होंगे कुंभ में बिछड़ने वाले दृश्य
भारतीय सिनेमा में कुंभ मेले की भीड़ से अलग हुए लोगों की कहानियां एक स्थायी कथानक रही हैं। फिल्मों में गंभीर संवाद हो या हास्य, कहीं न कहीं कुंभ मेले में बिछड़ने वाले डायलॉग सुनने को मिल ही जाते हैं। इन कहानियों का मुख्य आधार यही था कि भीड़ में खो जाने के बाद, अपने प्रियजनों को खोज पाना लगभग असंभव होता था।

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