Lucknow News : रियल एस्टेट कंपनी के कर्मचारी की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त, महज इतने में खरीदी प्रॉपर्टी

UPT | Income Tax Department

Jan 20, 2025 09:27

दो साल पहले आयकर विभाग ने काकोरी स्थित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पिनटेल ग्रुप की अरबों रुपये की जमीन को जब्त किया था। उस दौरान विभाग ने कटिंगरा गांव में खरीदी गई जमीनों की 70 सेल डीड बरामद की थीं।

Lucknow News : आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने रियल एस्टेट कंपनी पिनटेल ग्रुप के कर्मचारी रवि कुमार की सुलतानपुर रोड स्थित 50 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। यह कार्रवाई नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी के आदेश के तहत की गई है। अधिारियो कें अनुसार, विभाग जल्द ही इस भूमि पर कब्जा करेगा।

मूल्य 5.68 करोड़, बाजार कीमत 50 करोड़
यह भूमि पहले 5.68 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। लेकिन, वर्तमान बाजार कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। दिलचस्प बात यह है कि इस संपत्ति का स्वामित्व रवि कुमार के नाम पर था, जो कंपनी का एक मामूली कर्मचारी है।



पहले भी जब्त की गई थी पिनटेल की संपत्ति
दो साल पहले आयकर विभाग ने काकोरी स्थित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पिनटेल ग्रुप की अरबों रुपये की जमीन को जब्त किया था। उस दौरान विभाग ने कटिंगरा गांव में खरीदी गई जमीनों की 70 सेल डीड बरामद की थीं। जांच में पाया गया कि इनमें से 5 जमीनें बेनामी संपत्ति थीं, जिन्हें रवि कुमार के नाम पर खरीदा गया था।

रवि कुमार की आय और संपत्ति का बड़ा अंतर
जांच में यह खुलासा हुआ कि रवि कुमार की आय इतनी नहीं थी कि वह करोड़ों रुपये की संपत्तियां खरीद सके। विभाग ने इन संपत्तियों को बेनामी संपत्ति घोषित करते हुए जब्त करने का आदेश दिया।

निर्णायक प्राधिकारी ने दी जब्ती की मंजूरी, 2.332 हेक्टेयर जमीन जब्त
आयकर विभाग के बेनामी एक्ट के तहत दिए गए आदेश को बीते महीने नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी ने मंजूरी दी। इसके बाद सुल्तानपुर रोड स्थित संपत्तियों को भी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस कार्रवाई के तहत विभाग ने मस्तेमऊ, माधरमऊ, और बक्कास गांव में 2.332 हेक्टेयर भूमि को जब्त किया। इन संपत्तियों को पहले विभिन्न लोगों के नाम पर खरीदा गया था, जिनमें संतदेवी, कमलेश कुमार, अशोक कुमार और अन्य शामिल थे। सितंबर 2021 से सितंबर 2022 के बीच इन संपत्तियों की चार सेल डीड रवि कुमार के नाम पर रजिस्ट्री की गई थी।

मोहनलालगंज में हुई थी संपत्ति की रजिस्ट्री
इन सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री मोहनलालगंज स्थित सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में कराई गई थी। विभाग ने इन रजिस्ट्रियों की पूरी जांच की और यह साबित हुआ कि संपत्तियां बेनामी लेन-देन का हिस्सा थीं।

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