SGPGI : पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग वंशानुगत बीमारी का संकेत, महज पांच प्रतिशत महिलाएं लेती हैं डॉक्टरों की सलाह

UPT | SGPGI Lucknow

Jan 20, 2025 12:23

अध्ययन के अनुसार, 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत महिलाओं को माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या होती है। लेकिन, इनमें से केवल 5 प्रतिशत महिलाएं ही चिकित्सीय परामर्श लेती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

Lucknow News : माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या, वंशानुगत बीमारी का संकेत हो सकती है। ऐसे में इसका समय रहते इलाज जरूरी है। चिकित्सकों के अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री जरूरत बतानी चाहिए, जिससे वह इसका समाधान कर सकें। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) के हेमेटोलॉजी विभाग के किए गए अध्ययन में माहवारी से जुड़ी समस्या को लेकर यह खुलासा हुआ है।
अध्ययन में पाया गया कि इस समस्या से पीड़ित 31 प्रतिशत महिलाओं में किसी न किसी वंशानुगत बीमारी की पुष्टि हुई।

11 साल के आंकड़ों पर आधारित अध्ययन
यह अध्ययन जनवरी 2015 से सितंबर 2024 तक की अवधि में किया गया, जिसमें 190 महिलाओं को शामिल किया गया। अध्ययन का नेतृत्व डॉ. श्रेया संब्याल, डॉ. दिनेश चंद्रा, डॉ. रुचि गुप्ता, और अन्य विशेषज्ञों ने किया। अध्ययन में 11 से 45 साल की महिलाओं को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 20 वर्ष थी।



माहवारी के दौरान रक्तस्राव के कारण
अध्ययन में यह देखा गया कि 31 प्रतिशत महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव किसी बीमारी के कारण था। इनमें से:
64 प्रतिशत महिलाओं में वंशानुगत विकार वॉन विलेब्रांड डिजीज पाई गई।
  • 25.7 प्रतिशत में ब्लड फैक्टर की कमी देखी गई।
  • 17 प्रतिशत महिलाओं में प्लेटलेट फंक्शन की समस्या पाई गई।
  • 69 प्रतिशत मामलों में रक्तस्राव के पीछे कोई ठोस कारण नहीं मिला।

एनीमिया की बढ़ती समस्या : औसत रक्तस्राव और इसकी गंभीरता
अध्ययन के अनुसार, 68 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से जूझ रही थीं। इसके अतिरिक्त, 27 प्रतिशत महिलाओं में रक्तस्राव का पारिवारिक इतिहास पाया गया। लगभग 4 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी पहली माहवारी से ही अत्यधिक रक्तस्राव की शिकायत की। महिलाओं में माहवारी के दौरान रक्तस्राव की अवधि चार दिन से लेकर 22 दिन तक देखी गई, जिसमें औसत अवधि नौ दिन थी। इसके अलावा, 95 प्रतिशत महिलाओं ने यह बताया कि उनके रक्तस्राव के दौरान थक्के बनते थे।

मेडिकल सलाह लेने में अनदेखी
चौंकाने वाली बात यह रही कि, अध्ययन के अनुसार, 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत महिलाओं को माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या होती है। लेकिन, इनमें से केवल 5 प्रतिशत महिलाएं ही चिकित्सीय परामर्श लेती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इससे एनीमिया, थकान, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों ने महिलाओं को सलाह दी है कि वे इस तरह की समस्याओं के लिए तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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