टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन : वन मंत्री ने मौके पर पहुंचकर ली जानकारी, बाघ ने अब तक 20 बार पार किया बेहता नाला

UPT | वन मंत्री ने ली टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी

Jan 23, 2025 14:26

ग्रामीणों के अनुसार, ताजा जानकारी के अनुसार, बाघ ने फतेहनगर गांव में गेहूं के खेतों और बेहता नाला के पास ताजे पगचिह्न छोड़े हैं। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर पगचिह्न की पुष्टि की और बाघ के मूवमेंट पर नजर बनाए रखने के लिए नए पिंजरे में ताजा बकरा बांधा है। 

Lucknow News : श​हर के रहमान खेड़ा इलाके में 50 दिनों से चहलकदमी कर रहे बाघ को पकड़ने की सारी कवायद अभी तक नाकाम साबित हुई है। जंगल से करीब सात किलोमीटर दूर फतेहनगर गांव तक बाघ के पहुंचने की पुष्टि हुई है। वन महकमे ने बाघ को पकड़ने के लिए 32 ट्रैप कैमरे और 7 लाइव कैमरे लगाए हैं। इसके बाद भी उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है। बाघ इनसे बचते हुए अपनी राह बदल रहा है। गुरुवार को भी अभी तक वन महकमे की पूरी टीम बाघ को पकड़ने में सफल नहीं हो सकी है। वन मंत्री अरुण सक्सेना ने मौके पर जाकर अधिकारियों से अभियान को लेकर जानकारी की। विभाग के आलाधियकारियों ने उन्हें बाघ को पकड़ने में आ रही चुनौतियों और अभियान के बार में बताया। वन मंत्री ने बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू करने को कहा है।

बाघ ने अब तक 20 बार पार किया बेहता नाला
ग्रामीणों के अनुसार, ताजा जानकारी के अनुसार, बाघ ने फतेहनगर गांव में गेहूं के खेतों और बेहता नाला के पास ताजे पगचिह्न छोड़े हैं। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर पगचिह्न की पुष्टि की और बाघ के मूवमेंट पर नजर बनाए रखने के लिए नए पिंजरे में ताजा बकरा बांधा है। ग्रामीणों ​के अनुसार बाघ ने बेहता नाला को 20 से अधिक बार पार किया है। उसकी यह चालाकी वन विभाग के लिए चुनौती बन गई है।

गड्ढे के पास से वापस लौटा बाघ
वन विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह बाघ बेल वाले ब्लॉक में खोदे गए गड्ढे के पास पहुंचा। लेकिन, उसे खतरा भांपते हुए वापस लौट गया। हालांकि, उसी दिन वह फतेहनगर गांव की दिशा में 7 किलोमीटर आगे निकल गया। वन विभाग ने बाघ को ट्रैक करने के लिए थर्मल ड्रोन कैमरा लगाया था, लेकिन ऑपरेशन के दौरान यह खराब हो गया। हालांकि, विभाग ने 7 लाइव सीसीटीवी कैमरे, 32 ट्रैप कैमरे, 5 पिंजरे, और 2 ड्रोन (थर्मल और नॉर्मल) ऑपरेशन में शामिल किए हैं।

रिसर्च फील्ड में नहीं जा पा रहे वैज्ञानिक
बाघ के डर से केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों ने फील्ड में जाना बंद कर दिया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बाघ यदि एक सप्ताह में नहीं पकड़ा गया, तो आम की फसल बर्बाद होने का खतरा है। पेड़ों पर दवा का छिड़काव नहीं हो पा रहा है, जिससे फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है। 

पिंजरे में बांधा गया ताजा बकरा
प्रभागीय निदेशक सितांशु पांडेय ने कहा कि ऑपरेशन में पूरी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और बाघ को जल्द ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा। बाघ को जंगल में वापस लाने के लिए मीठेनगर खड़ंजे के पास लगाए गए पिंजरे में ताजा बकरा बांधा गया है। वन विभाग ने यह रणनीति बाघ को लालच देकर पकड़ने के लिए अपनाई है। वन विभाग ने पिछले अनुभवों को देखते हुए बाघ की मूवमेंट का अध्ययन किया है और इस बार उसकी सटीक लोकेशन ट्रैक करने के लिए अतिरिक्त कैमरों और पिंजरों का उपयोग किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने देखा बाघ का मूवमेंट
हलवापुर गांव के निवासी मस्तराम यादव की दुकान के पीछे बाघ के पगचिह्न देखे गए। यह संकेत देता है कि बाघ मलहा गांव से बेहता नाला पार कर फतेहनगर गांव के सेमल के घने जंगलों तक पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के बार-बार दिखने से क्षेत्र में खौफ और तनाव का माहौल है। 

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