इसके बाद उत्तर प्रदेश में पिछड़ा बनाम अतिपिछड़े की सियासी लड़ाई और तेज होती नजर आने की संभावना है। सियासी दल पहले से ही जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए चुनाव में टिकट देते हैं। संगठन से लेकर सरकार में भी जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जाता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जातियों में बंटी यूपी की सियासत को नई दिशा देता नजर आ रहा है।