Lucknow News : अब जल्द खुल सकेंगे सील मकान, एलडीए सचिव की अध्यक्षता वाली समिति भंग, ऐसे मिलेगी मंजूरी

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Dec 12, 2024 09:58

पिछली व्यवस्था में सील खोलने की जिम्मेदारी समिति पर थी। विहित प्राधिकारी के आदेश के बावजूद, समिति की रिपोर्ट आने तक सील नहीं खोली जाती थी। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने समीक्षा के दौरान पाया कि यह देरी निर्माणकर्ताओं के लिए असुविधाजनक हो रही है।

Lucknow News : सील मकानों को लेकर शमन शुल्क जमा करने और मानचित्र पास होने के बाद भी सील खोलने में हो रही देरी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने बड़ा कदम उठाया है। एलडीए ने सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को भंग कर दिया है, जिसकी वजह से इस प्रक्रिया में काफी देरी हो रही थी। अब सील खोलने का अधिकार विहित प्राधिकारी को सौंप दिया गया है, जिससे मामलों का निपटारा तेजी से होगा।

समिति की बैठकों में देरी की वजह से नई प्रक्रिया पर लगी मुहर
एलडीए ने यह निर्णय तब किया, जब यह पाया गया कि समिति की बैठकों में देरी हो रही है। विहित प्राधिकारी, जो पहले सील करने का आदेश देते थे, अब सील खोलने का अधिकार भी उन्हीं को दिया गया है। इस नई व्यवस्था से अनावश्यक देरी समाप्त होगी और लोगों को राहत मिलेगी। अब आवेदक को शमन शुल्क जमा करने के बाद, मानचित्र पास कराकर सीधा विहित प्राधिकारी के पास जाना होगा। प्राधिकारी जांच के बाद तुरंत सील खोलने का आदेश जारी करेंगे। हालांकि, आदेश जारी करने से पहले यह सचिव को दिखाया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।



पुरानी व्यवस्था के कारण देरी
पिछली व्यवस्था में सील खोलने की जिम्मेदारी समिति पर थी। विहित प्राधिकारी के आदेश के बावजूद, समिति की रिपोर्ट आने तक सील नहीं खोली जाती थी। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने समीक्षा के दौरान पाया कि यह देरी निर्माणकर्ताओं के लिए असुविधाजनक हो रही है।
आवेदकों को कैसे होगा फायदा?
  • अब शमन मानचित्र जमा करने और शुल्क अदा करने के बाद सील खोलने की प्रक्रिया सीधे प्राधिकरण के स्तर पर पूरी होगी।
  • अनावश्यक फाइलों की अदला-बदली खत्म होगी।
  • यह नई प्रणाली उन भवन स्वामियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, जिन्होंने नियमों का पालन करते हुए शमन शुल्क अदा किया है।
अवैध निर्माणों की समीक्षा भी होगी तेज
एलडीए के अफसरों के अनुसार, नए आदेश से न केवल सील खोलने की प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि अवैध निर्माणों की समीक्षा में भी तेजी आएगी। अब विहित प्राधिकारी द्वारा दी गई अनुमति के बाद सीधे कार्रवाई की जाएगी।

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