माध्यमिक शिक्षा : यूपी में छुट्टियों के लिए शपथ पत्र की अनिवार्यता समाप्त, 30 दिन ही मिलेगी चाइल्ड केयर लीव

UPT | माध्यमिक शिक्षा विभाग में छुट्टी आवेदन प्रक्रिया हुई सरल

Dec 12, 2024 09:03

बाल्य देखभाल अवकाश के लिए सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यह अवकाश एक बार में अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। साथ ही, यह अवकाश एक वर्ष में तीन बार से अधिक नहीं लिया जा सकेगा।

Lucknow News : माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए छुट्टी आवेदन प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब किसी भी प्रकार की छुट्टी के लिए शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी। विभाग ने चिकित्सा अवकाश के लिए प्रमाणपत्र देने के मानकों को भी सरल किया है। अब सभी पंजीकृत चिकित्सकों के दिए गए प्रमाणपत्र मान्य होंगे, बशर्ते वे अधिकृत अस्पतालों से संबंधित हों।

अर्जित अवकाश और चिकित्सा अवकाश की प्रक्रिया
शासन के निर्देशानुसार, प्रधानाचार्य अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) के आवेदन डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) को केवल दो दिन के भीतर भेजेंगे। डीआईओएस इन आवेदनों को तीन दिनों के भीतर स्वीकृत करेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है कि शिक्षकों और कर्मचारियों को बिना देरी के छुट्टी मिले।



बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) के विशेष नियम
बाल्य देखभाल अवकाश के लिए सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यह अवकाश एक बार में अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। साथ ही, यह अवकाश एक वर्ष में तीन बार से अधिक नहीं लिया जा सकेगा। बोर्ड परीक्षाओं, चुनाव, जनगणना और विद्यालय की परीक्षाओं के दौरान सीसीएल के मामलों को डीआईओएस द्वारा जांचा जाएगा और आवश्यकतानुसार स्वीकृति दी जाएगी।

प्रतिकर अवकाश पर नई नीति
शिक्षकों और कर्मचारियों को अब छुट्टी के दिन काम करने पर प्रतिकर अवकाश दिया जाएगा। लेकिन, इसकी सीमा भी तय की गई है। एक महीने में अधिकतम दो दिन का प्रतिकर अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रखना और शिक्षकों के अधिकारों को संरक्षित करना है।

यूपी बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर हड़ताल पर रोक
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 24 फरवरी से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शिक्षा परिषद के अधीन आने वाली सभी सेवाओं में अगले छह माह तक किसी भी प्रकार की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है। इसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के संपन्न कराना है।
 

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