यूपी के 2.70 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों से संपर्क का लक्ष्य : पीएमश्री विद्यालयों में बच्चों की नियमित उपस्थिति की कवायद तेज

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 18, 2024 23:03

प्रदेश में पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। इस अभियान के तहत प्रदेश के 724 चिन्हित पीएमश्री विद्यालयों में अध्ययनरत दो लाख 70 हजार से अधिक बच्चों के अभिभावकों, ग्राम प्रधानों, एसएमसी (स्कूल प्रबंध समिति) के सदस्यों और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं।

बैठकों का उद्देश्य शिक्षा के महत्व को समझाना 
इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है। शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों द्वारा आयोजित इन बैठकों में अभिभावकों को विशेष रूप से उनके बच्चों की पढ़ाई में आ रही समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की जाती है।



पीएमश्री विद्यालयों में पढ़ रहे इतने छात्र-छात्राएं
योगी सरकार ने राज्य के परिषदीय विद्यालयों में से 724 विद्यालयों को पीएमश्री विद्यालयों के रूप में चयनित किया है, जहां दो लाख 70 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया जाए और उन्हें बच्चों की शिक्षा और नियमित उपस्थिति के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए।

ड्रॉपआउट बच्चों के लिए रणनीति पर विचार
बैठकों के दौरान ड्रॉपआउट बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें वापस स्कूल लाने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की निगरानी और नियमित रूप से स्कूल आने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी किया जा रहा है।

छात्र की शैक्षिक स्थिति का आकलन
शिक्षक इस अभियान में बेहद संवेदनशीलता के साथ जुटे हैं। वे बैठकों से पहले संभावित ड्रॉपआउट बच्चों, अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों और शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों की सूची तैयार कर रहे हैं। इसके साथ ही, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत यूनिफॉर्म और अन्य लाभ प्राप्त बच्चों की सूची भी बनाई जा रही है, ताकि विद्यार्थियों की शैक्षिक स्थिति का बेहतर तरीके से आकलन किया जा सके।

अभिभावकों से व्यक्तिगत संपर्क की अपील
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इन बैठकों में एसएमसी के सदस्यों, ग्राम प्रधानों और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी प्रधानाचार्य और शिक्षक व्यक्तिगत रूप से अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें इन बैठकों में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

Also Read