इस हांडी में पिछड़े-अति पिछड़े वोट बैंक की वह खिचड़ी है जो नीतीश के नाम पर तेजी से पकती है। कारण साफ है, पूर्वांचल में कुर्मी वोट बैंक प्रभावी है और उसके बीच नीतीश कुमार का अपना प्रभाव है। इसी क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी सीट है, जिसे प्रभावित करने के लिए विपक्ष उसके बगल की सीट फूलपुर से नीतीश को उतारने की योजना पर काम कर रहा था। विपक्षी गठबंधन का मानना था कि नीतीश के यहां से लड़ने से कुर्मी वोट में बिखराव होगा जो अभी तक भाजपा के पक्ष में जाता रहा है। भाजपा इसे लेकर सतर्क है। यही कारण है कि बदली परिस्थितियों में भाजपा नीतीश को साधना चाहती है।