यूपी विधानसभा मानसून सत्र : डीजीएमई पद पर आईएएस अफसर को नहीं हटाएगी योगी सरकार, ब्रजेश पाठक का रागिनी सोनकर पर पलटवार

UPT | up vidhan sabha monsoon session 2024

Jul 30, 2024 00:51

डॉ. रागिनी सोनकर ने डीजीएमई को लेकर कहा कि इस पद पर पहले डॉक्टर को नियुक्त किया जाता था। अगर सरकार को लगता है गूगल खोल करक आप डॉक्टर बन जाएंगे और आपको ऐसे विभाग के बारे में 'ए टू जेड' पता चल जाएगा तो आपकी गलतफहमी है।

Short Highlights
  • जौनपुर मेडिकल कॉलेज की बदहाली के लिए ब्रजेश पाठक ने सपा को जिम्मेदार ठहराया
  • सपा विधायक रागिनी सोनकर ने सदन में दिखाई मेडिकल कॉलेज की तस्वीर
Lucknow News : विधानभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के बीच तकरार देखने को मिली। जौनपुर के मछलीशहर से सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े किए। उन्होंने गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का मामला उठाया। इसके साथ ही महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) के पद पर आईएएस अफसर के बजाय वरिष्ठ चिकित्सक की तैनाती को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में जब उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सरकार का पक्ष रखा तो उन्होंने समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार पर जमकर निशान साधा। इस दौरान दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप लगाए गए। 

रागिनी सोनकर ने जौनपुर मेडिकल कॉलेज की दिखाई तस्वीर
प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने विधानसभा में जौनपुर मेडिकल कॉलेज की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि हमारे यहां काला पानी तैर रहा है। मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बनने से पहले ही खंडहर हो चुकी है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि आप मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल बनाने की बात तो करते हैं, लेकिन उसकी स्थिति पर चर्चा नहीं करते हैं। आप अपने विभाग में क्या काम कर रहे हैं? 

यूपी में कुल 4470 सरकारी एंबुलेंस, 71 जिला मुख्यालयों में सीटी स्कैन की सुविधा
इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार उच्च कोटि की चिकित्सा व्यवस्था देने का काम कर रही है। गंभीर मरीजों की मदद के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना उत्तर प्रदेश में लागू है। उत्तर प्रदेश आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में पहले स्थान पर है। हमने इसके जरिए इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी चिह्नित किया है। प्रदेश में इस समय 2200 एंबुलेंस 108 की हैं, वहीं 2270 एम्बुलेंस 102 की हैं। उन्होंने कहा​ कि पहली बार जिला अस्पतालों में भी डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे पहले बड़े शहरों लखनऊ, कानपुर, मेरठ, वाराणसी जैसे बड़े शहरों में ही ये सुविधा थी। आज 74 जनपदों में जिला मुख्यालय में जिला अस्पतालों में ये सुविधा उपलब्ध है। साथ ही 71 जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन के सुविधा पहली बार दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही टीबी के मरीजों की संख्या कम करने के लिए भी दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 

जिला चिकित्सालयों में बनाए गए क्रिटिकल केयर यूनिट
ब्रजेश पाठक ने कहा​ कि 50 से 100 बेड वाले जिला चिकित्सालय में भी हमने क्रिटिकल केयर यूनिट बनाए गए हैं, जो आज तक नहीं थे। उन्होंने कहा कि जहां तक स्पेसिफिक सवाल कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए है, तो आयुष्मान भारत कार्ड के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निधि है और मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत निधि से भी गंभीर मरीजों के इलाज के लिए धनराशि जारी की जा रही है।मुख्यमंत्री सहायता कोष से जो भी मरीज मदद मांगता है, उसे आवश्यकता अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। सरकार जाति, धर्म, संप्रदाय को देखे बिना लोगों की मदद कर रही है। कोई भी सूची में ये देख जा सकता है। विपक्ष के लोग भी इस बात से सहमत होंगे।

जौनपुर मेडिकल कॉलेज प्रकरण में दोषी भेजे जाएंगे जेल
उन्होंने जौनपुर मेडिकल कॉलेज की बदहाली को लेकर विधायक डॉ. रागिनी सोनकर के प्रश्न के जवाब में कहा कि हम किसी की निंदा नहीं करना चाहते, किसी को आईना नहीं दिखाना चाहते हैं। लेकिन, सदस्य ने सवाल उठाए तो मैं स्पष्ट कर दूं कि जौनपुर का मेडिकल कॉलेज समाजवादी पार्टी की सरकार में बनना शुरू हुआ था। विपक्ष के सदस्यों के शोर शराबे के बीच डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा सरकार में टाटा कंपनी को इसका टेंडर मिला था। इसके बाद एक व्यक्ति को काम दिला दिया गया और वह भगोड़ा साबित हुआ। रुपए लूटकर खा गया। इसकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि जब आप एक उंगली उठाते हो तो तीन उंगली आपकी ओर उठती हैं। सपा भ्रष्टाचार की जननी रही है। पहली बार भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं उच्च कोटि की हम लोग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि हम मामले की जांच भी करेंगे और दोषी को जेल भी भेजेंगे। कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा। 

चिकित्सा शिक्षा संवर्ग से भरा जाता था पहले डीजीएमई पद
ब्रजेश पाठक के जवाब से असंतुष्ट डॉ. रागिनी सोनकर ने डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन (डीजीएमई) को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि इस पद पर पहले डॉक्टर को नियुक्त किया जाता था। अगर सरकार को लगता है गूगल खोल करक आप डॉक्टर बन जाएंगे और आपको ऐसे विभाग के बारे में 'ए टू जेड' पता चल जाएगा तो आपकी गलतफहमी है। डीजीएमई जब तक डॉक्टर नहीं होगा तब तक उसे पता नहीं चलेगा कि लोगों की सेहत कैसे ठीक होगी। आज मरीजों के साथ डॉक्टरों का भी बुरा हाल है। क्या सरकार डीजीएमए के पद पर बदलाव करते हुए आईएएस ऑफिसर की जगह विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती करेगी, जो इस बारे में पूरी जानकारी रखता हौ। 

ब्रजेश पाठक बोले आईएएस अफसर की तैनाती से मिले अच्छे परिणाम
इस पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया है। हमने यह निर्णय लागू किया और इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इसलिए कोई दिक्कत नहीं है। इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि क्या प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की दवा उपलब्ध है? यदि नहीं है तो कब तक उपलब्ध हो जाएगी। इस पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि टीबी की दवा उपलब्ध हर जगह उपलब्ध है, क्योंकि यह दवा उत्तर प्रदेश में नहीं बनती है और बाहर से आती है। इसलिए हम दवा उपलब्ध करा रहे हैं और हम स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

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