यूपी विधानसभा मानसून सत्र : नेता प्रतिपक्ष का ऊर्जा विभाग में घोटाले का आरोप, मंत्री एके शर्मा ने दिया ये जवाब

UPT | विधानमंडल के मानसून सत्र

Jul 30, 2024 00:41

विधानमंडल के मानसून सत्र में पहले दिन प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने यूपी में​ विद्युत लाइनों में घटिया केबिल लगाए जाने का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने ऊर्जा विभाग में घोटाले का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री से इसकी जांच की मांग की।

Short Highlights
  • माता प्रसाद पांडेय ने कहा- अरबों रुपये के टेंडर पाने वाली कंपनियों के काम का अता-पता नहीं
  • एके शर्मा ने बोले- पिछली सरकारों ने विद्युत लाइन में सड़े तार लगवाए
Lucknow News : विधानमंडल के मानसून सत्र में पहले दिन प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने यूपी में​ विद्युत लाइनों में घटिया केबिल लगाए जाने का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने ऊर्जा विभाग में घोटाले का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री से इसकी जांच की मांग की। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सरकार का पक्ष रखा और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

गांवों में लगाए जा रहे घटिया क्वालिटी के केबल
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि प्रदेश के गांवों में जर्जर विद्युत लाइनों को बदलने का काम कुछ बड़ी कंपनियों को दिया गया है। इसके लिए इन कंपनियों को भारी धनराशि भी दी गई। ये कंपनियां मोटा केबिल लगा रही हैं, जोकि घटिया क्वालिटी का है। आए दिन ये केबिल फुंक जाते हैं। उन्होंने अपने गृह जनपद सिद्धार्थनगर का जिक्र करते हुए कहा कि यहां नए खंभे लगाने और पुरानी विद्युत लाइन बदलने के लिए सरकार ने कंपनियों को 1 अरब 76 करोड़ रूपए दिए। कंपनियों के काम की सूची मांगी तो नहीं दी गई। काफी कोशिश के बाद भी ये पता नहीं चला कि इन कंपनियों ने क्या काम किया और कहां किया। इस बीच कुछ जगहों पर तार बदले गए जो जलकर गिर गए। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी धनराशि का सही उपयोग होना चाहिए और ऐसी कंपनियों को दिए गए टेंडर पर भी सवाल उठाए। माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि इसकी जांच कराई जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।

विपक्ष ने सही ढंग से पूरी नहीं की प्रक्रियाएं
इस पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विपक्ष ने प्रक्रियाओं को सही ढंग से पूरा किया होता तो ऐसी दिक्कतें न होतीं। पिछली सरकारों ने विद्युत लाइन में सड़े तार लगवाए और खराब काम किया। इनफ्रास्ट्रक्चर में इनवेस्ट नहीं किया, इसलिए यह स्थिति बनी है। उनहोंने बताया कि 2017-18 में 33/11 केवी के 4,092 उपकेंद्र थे, आज 4507 हैं। 765 केवी का जो सबसे बड़ा ट्रांसमिशन का सबस्टेशन होता है वह प्रदेश में 65-70 साल में केवल 4 थे। इनकी संख्या डबल करते हुए 7 कर दिया गया है। 400 केवी के ट्रांमिशन 2017-18 में 14 थे, जिसे अब बढ़ाकर 29 कर दिया गया है। 2017-18 में 20 केवी के ट्रांसमिशन 72 थे जिसे बढ़ाकर 166 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एनटीपीसी के साथ 800 मेगावॉट की 2 यूनिट स्थापित करने का एमओयू किया था, इस पर काम शुरू कर दिया गया है।

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