पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 24 मार्च 1993 की शाम को अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की कार्यालय से वापस आते समय घर के बाहर कार पार्क करते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बबलू श्रीवास्तव और दो अन्य अभियुक्तों पर इस अपराध का आरोप लगा और उन्हें इस हत्याकांड के लिए दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।