यूपी लेखपाल भर्ती 2022 : दिव्यांग उम्मीदवारों का सरकार पर चयन प्रक्रिया में भेदभाव का आरोप, भूख हड़ताल जारी

UPT | उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती 2022 में दिव्यांग उम्मीदवारों का प्रदर्शन

Sep 30, 2024 16:45

उम्मीदवारों का कहना है की 188 रिक्त पदों को छोड़कर दस्तावेज़ सत्यापन के बावजूद इन उम्मीदवारों का चयन नहीं किया गया। इस निर्णय के खिलाफ, विकलांग उम्मीदवार लखनऊ के इको गार्डन में पिछले 36 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती 2022 में दिव्यांग (आर्थोपेडिक विकलांग) उम्मीदवारों को अंतिम परिणाम से बाहर किए जाने के बाद विकलांग उम्मीदवारों के बीच नाराजगी बढ़ गई है। 188 रिक्त पदों को छोड़कर दस्तावेज़ सत्यापन के बावजूद इन उम्मीदवारों का चयन नहीं किया गया। इस निर्णय के खिलाफ, विकलांग उम्मीदवार लखनऊ के इको गार्डन में पिछले 36 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि इस भेदभावपूर्ण रवैये ने उनके अधिकारों और आशाओं को आघात पहुंचाया है।

विकलांग उम्मीदवारों का आरोप
उम्मीदवारों का दावा है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के लेखपाल भर्ती के 309 दिव्यांग पदों में से 188 पद खाली छोड़ दिए गए, उन्होंने बताया कि 46 हजार से अधिक दिव्यांग उम्मीदवारों ने इस भर्ती के लिए आवेदन किया था और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया गया था। बावजूद इसके आर्थोपेडिक विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को अंतिम परिणाम से बाहर रखा गया, जो उनके अनुसार अन्यायपूर्ण है।



अन्य राज्यों से तुलना
उम्मीदवारों ने यह सवाल उठाया कि जब बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों में आर्थोपेडिक विकलांग उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है, तो उत्तर प्रदेश में उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।

विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल
सात महीने पहले विकलांग उम्मीदवारों ने अपने अधिकारों के लिए विरोध शुरू किया था, लेकिन जब उनकी आवाज़ सुनी नहीं गई, तो उन्होंने भूख हड़ताल का सहारा लिया। उनका कहना है कि दस्तावेज़ सत्यापन के समय उन्हें एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था, घोषणा पत्र में चयन से इनकार की बात लिखी गई थी, जो अनुचित और असंवैधानिक था।

 परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद चयन से वंचित
उम्मीदवारों का कहना है कि उन्होंने प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) 2021 और मुख्य परीक्षा 2022 पास की थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें अंतिम सूची से बाहर कर दिया गया। उन्होंने इस प्रक्रिया को अन्यायपूर्ण बताते हुए सरकार से न्याय की मांग की है।

सरकार पर नियमों के उल्लंघन का आरोप
उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने अन्य राज्यों में बिना किसी समस्या के चयन की मिसाल देते हुए सवाल उठाया कि उत्तर प्रदेश में उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस स्थिति पर जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाएं।

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