नन्द बाबा दुग्ध मिशन : यूपी में दूसरे चरण के लिए 74 करोड़ मंजूर, 10 हजार से ज्यादा गौ पालकों की आय में होगा इजाफा

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 06, 2024 18:57

इस मिशन के तहत राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 74 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च करने जा रही है, जिससे दस हजार से अधिक गौ पालक और दुग्ध उत्पादक सीधे लाभान्वित होंगे।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर गौ पालकों और दुग्ध उत्पादकों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए नंद बाबा दुग्ध मिशन के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के गौपालकों की आय में वृद्धि करना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति रुचि को बढ़ावा देना है। इस मिशन के तहत राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 74 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च करने जा रही है, जिससे दस हजार से अधिक गौ पालक और दुग्ध उत्पादक सीधे लाभान्वित होंगे।

स्वदेशी नस्ल की गायों को मिलेगा बढ़ावा
स्वदेशी गायों की नस्ल को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नंद बाबा दुग्ध मिशन का शुभारंभ पिछले वर्ष किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विदेशी नस्ल की गायों पर निर्भरता को कम करके, भारतीय नस्ल की गायों को बढ़ावा देना है। इसी क्रम में इस मिशन के दूसरे चरण को शुरू करते हुए सरकार ने 2566 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 2052.40 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।



सीएम प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना
प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को और भी सशक्त करने के लिए सीएम प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 7028 लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना के लिए 790 लाख रुपये का बजट तय किया गया है। इसके तहत, पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और उन्नत प्रबंधन के तरीकों का प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि और उत्पादन क्षमता को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

समृद्धि की ओर एक और कदम
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 90 लाभार्थियों को चयनित किया गया है, जिनके लिए 1015 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत पशुपालकों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें विभिन्न आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे अपने पशुधन और दुग्ध उत्पादन को और बेहतर कर सकें।

नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादकों को सहकारी समितियों के माध्यम से संगठित किया जाए। इसके लिए सरकार ने 330 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करने का लक्ष्य रखा है। इस कार्य के लिए 722.70 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे गांवों और छोटे कस्बों में दुग्ध उत्पादकों को एक स्थायी बाजार उपलब्ध कराया जा सकेगा।

पशु स्वास्थ्य-दुग्ध गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
पशुपालकों के लिए एक पहल के तहत सरकार ने 621 परीक्षण किटों का वितरण करने का निर्णय लिया है, जिनका उद्देश्य पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल और दुग्ध की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसके लिए 25 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, 1447 डेयरी हितधारकों को प्रशिक्षित करने के लिए 64.30 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे डेयरी उद्योग को आधुनिक और संगठित रूप से विकसित किया जा सके।

अन्य योजनाओं का विस्तार 
एक मिशन के तहत योजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। साएलेज, हे, टीएमआर मेकिंग और ट्रेनिंग नीड एसेसमेंट (TNA) के अध्ययन के लिए 35 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत संचालित ABIP-IBF ETT योजना से 200 लाभार्थियों को फायदा मिलेगा, जिसके लिए 25 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल
सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल को विकसित करने के लिए 60 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, जिससे इस मिशन से जुड़ी सभी गतिविधियों का डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया जा सके और लाभार्थियों को ऑनलाइन सहायता मिल सके। साथ ही, नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (नवीन योजना) से 294 और लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए 1730.08 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रशासनिक-अनुसंधान गतिविधियों पर फोकस 
मिशन की प्रशासनिक और अनुसंधान गतिविधियों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए राज्य प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (SPMU) के संचालन हेतु 237.60 लाख रुपये और जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (DPMU) के 18 जनपदों में संचालन के लिए 214 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, अति हिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र, रहमानखेड़ा, लखनऊ में बोवाइन पशुओं के लिए सेक्स्ड सार्टेड सीमेन उत्पादन की परियोजना के अंतर्गत प्रयोगशाला निर्माण के लिए 450 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे उच्च गुणवत्ता के वीर्य का उत्पादन किया जा सकेगा, जिससे नस्ल सुधार के प्रयासों को और गति मिलेगी।

आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
सरकार के शुरू किए गए नंद बाबा दुग्ध मिशन का उद्देश्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाना और स्वदेशी नस्ल की गायों को बढ़ावा देना है। यह मिशन राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ, भारत के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से प्रदेश के गौ पालकों की आय में वृद्धि होगी, और उन्हें आधुनिक तकनीकों के माध्यम से और सशक्त बनाया जाएगा।

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